- 13 जुलाई को पटना में होगा राज्यस्तरीय व्यवसायी सम्मेलन
का. कुणाल ने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, छोटे और मंझोले व्यापारियों की हालत बदतर होती गई है। जीएसटी, ऑनलाइन कारोबार के कारण परंपरागत व्यापार चौपट हो गए हैं। फुटपाथ दुकानदारों पर प्रशासनिक दमन आम बात हो गई है। केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट कंपनियों के 13 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए कोई राहत नहीं दी। इसका सीधा असर यह हुआ है कि 84 लाख से अधिक रोजगार खत्म हो गए हैं। सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि छोटे व्यापारियों पर लूट, फिरौती और धमकियों का साया मंडरा रहा है। हाल ही में आरा शहर में तनिष्क शोरूम में दिनदहाड़े लूट इसका उदाहरण है। व्यापारियों को सुरक्षा नहीं मिल रही है, जिससे वे आतंक के माहौल में जीने को मजबूर हैं। डबल इंजन की सरकार उनके लिए डबल बुलडोजर की सरकार साबित हुई है। उन्होंने लॉकडाउन, नोटबंदी और आर्थिक नीतियों को भी व्यापारियों के लिए विनाशकारी बताया। सांसद ने यह भी बताया कि फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग ज़ोन कानून तो बना है, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया है। जगह आवंटित न होने के कारण दुकानदारों को बार-बार उजाड़ा जा रहा है। यह सरकार की दोहरी नीति को उजागर करता है। सभा में सभी धर्मों और जातियों के व्यापारी उपस्थित थे। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार धार्मिक विभाजन कर लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाना चाहती है, लेकिन अब व्यापारी समुदाय इस राजनीति के खिलाफ संगठित हो रहा है।
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