दिल्ली : कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा आसान नहीं लेकिन यही सही है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 13 मई 2025

दिल्ली : कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा आसान नहीं लेकिन यही सही है

Virat-kohli-retire
नई दिल्ली (रजनीश के झा)। भारत के चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे टी20 के दौर में भी पारंपरिक क्रिकेट के संकटमोचक क्रिकेटरों में शुमार इस महान खिलाड़ी के इस प्रारूप में सुनहरे दौर पर विराम लग गया । छत्तीस वर्षीय कोहली ने पिछले साल ही टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया था। अब तक सिर्फ एक दिवसीय क्रिकेट खेलेंगे । उन्होंने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 46.85 के औसत से 30 शतकों की मदद से 9230 रन बनाए हैं। जब टी20 क्रिकेट वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में था, तब वह टेस्ट प्रारूप में इस बचाने की मुहिम में सबसे आगे थे। कोहली ने स्वीकार किया कि यह फैसला करना आसान नहीं था जिससे खेल के लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर घोषणा की, ‘‘मैं खेल के लिए, जिन लोगों के साथ मैदान में खेला और हर उस व्यक्ति के लिए दिल में आभार लेकर जा रहा हूं जिसने मुझे इस खेल के दौरान खेलते हुए देखा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 14 साल पहले ‘बैगी ब्लू’ पहनी थी। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे गढा और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा। ’’ मेगास्टार का आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया दौरा था जो का एक निराशाजनक रहा था जिसमें उन्होंने सिर्फ एक शतक बनाया था। इस तरह उनके करियर का अंत 10,000 रन के आंकड़े से कम रहा जिसे एक समय औपचारिकता माना जाता था। 


दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सात दोहरे शतकों के साथ इस प्रारूप के दिग्गज के रूप में अपनी पहचान बनाई जो किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है। वह महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) से काफी आगे है। ऐसे समय में जब टी20 लीग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी लोकप्रिय और सबसे ज्यादा देखी जाने वाला टूर्नामेंट बन गई तब कोहली के जादू ने प्रशंसकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई। यह बात सर विव रिचर्ड्स ने भी स्वीकार की जिनके साथ अक्सर उनकी तुलना की जाती थी। कोहली ने प्रारूप के लिए अपने विदाई नोट में लिखा, ‘‘सफेद कपड़ों में खेलना अंदरूनी रूप से बहुत ही व्यक्तिगत होता है। शांति से मेहनत करना, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता लेकिन ये पल हमेशा आपके साथ रहते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खेल के इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं तो यह आसान नहीं है। लेकिन यह सही लगता है। मैंने इसे अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे उम्मीदों से कहीं अधिक दिया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा। ’’ उनके संन्यास के साथ ही टेस्ट प्रारूप से भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों का बाहर होना जारी है। रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर में) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) भी इस प्रारूप से संन्यास ले चुके हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: