- राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने किया लोकार्पण, विधायक निधि से 7.94 लाख की लागत से बना स्मृति द्वार
बिरहा गायकी को दिलाई पहचान
मंत्री जायसवाल ने कहा कि, "हीरालाल यादव जी ने बिरहा गायन की परंपरा को घर-घर तक पहुंचाया। उन्होंने लोकगायक रमन दास से गायन सीखा और पारंपरिक मंचों से लेकर ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृति को देशभर में पहचान दिलाई।" कार्यक्रम में एमएलसी धर्मेंद्र सिंह, पूर्व एमएलसी शिवनाथ यादव, मंडल अध्यक्ष अतुल सिंह, पार्षदगण अशोक मौर्य, बृजेश श्रीवास्तव, सिद्धनाथ शर्मा, सुशील गुप्ता, बलिराम कन्नौजिया, सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कवि मंगल यादव, सत्यनारायण यादव, तथा अनेक सांस्कृतिक प्रेमियों व हीरालाल जी के अनुयायियों ने द्वार पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
धरोहर बनकर प्रेरणा देगा द्वार
यह स्मृति द्वार केवल एक संरचना नहीं, बल्कि लोकगायन की परंपरा और संस्कृति की वह विरासत है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। कार्यक्रम में आए लोगों ने कहा कि यह पहल वाराणसी को उसकी लोक-सांस्कृतिक पहचान से जोड़ने का सशक्त प्रयास है।

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