उन्होंने बताया कि ब्रिटेन ने विमान को हवाई अड्डे पर रखरखाव मरम्मत और ओवरहॉल केंद्र ले जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम के विशेषज्ञ उपकरणों के साथ जब पहुंचेंगे तब विमान को हैंगर में ले जाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अन्य विमानों के निर्धारित रखरखाव में न्यूनतम व्यवधान हो।’’ एफ-35बी पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र लड़ाकू विमान है जिसके उड़ान भरने के लिए लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती और हेलीकॉप्टर की तरह यह सीधे उतर सकता है। यह खूबी इसे छोटे विमानवाहक पोत से भी इसका संचालन करने के लिए आदर्श बनाती है। अधिकारी ने कहा कि मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी हो जाने के बाद विमान वापस शाही नौसेना की सेवा में आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जमीनी टीम सुरक्षा और सुरक्षा सावधानी सुनिश्चित करते हुए भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। हम भारतीय अधिकारियों और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।’’ प्रतिकूल मौसम के कारण विमान एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स पर वापस नहीं लौट सका। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स के इंजीनियरों ने विमान की जांच की और फैसला किया कि ब्रिटेन स्थित इंजीनियरिंग टीम का सहयोग आवश्यक है। विमान की आपात लैंडिंग के कुछ दिनों बाद, भारतीय वायुसेना ने कहा कि वह विमान की ‘‘मरम्मत और वापस भेजने’ के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय नौसेना के साथ सैन्य अभ्यास किया था।

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