- 18 से 27 जून तक राज्य के चार इलाकों में निकलेगी ’बदलो सरकार-बदलो बिहार’ यात्रा
- बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची, अपराध और अराजकता के चंगुल में फंसा राज्य
- भाजपा-एनडीए के शासन में भारत हर मोर्चे पर हुआ कमजोर
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 32 देशों में 7 डेलीगेशन भेजे, लेकिन भारत का अंतरराष्ट्रीय अलगाव दूर नहीं हो पाया.उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि पहलगाम आतंकी घटना और उसके बाद की स्थिति पर चर्चा हो सके. उन्होंने कहा कि मोदी–3 के एक साल में, बहुमत न होते हुए भी संविधान पर रोज हमले हो रहे हैं.भाजपा और एनडीए की सरकार ने देश को हर मोर्चे पर कमजोर किया है, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में.उन्होंने हाल ही में एक भारतीय युवा के विदेश में प्रताड़ित किए जाने का हवाला देते हुए इसे कूटनीतिक विफलता बताया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में चलाया गया ऑपरेशन कगार पूरी तरह राज्य प्रायोजित हिंसा है.इस मुद्दे पर पांच वामपंथी दलों ने मिलकर 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें इस हिंसा पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है.
भाकपा(माले) 18 से 27 जून 2025 तक पूरे बिहार में ‘बदलो सरकार - बदलो बिहार’ यात्रा निकालेगी.यह यात्रा राज्य के चार मुख्य इलाकों में होगी - शाहाबाद क्षेत्र, मगध क्षेत्र, सारण-चंपारण क्षेत्र और मुजफ्फरपुर से दरभंगा तक का क्षेत्र. मगध क्षेत्र में 11 जून को गया के बाराचट्टी, 12 जून को वारसलीगंज, 13 जून को राजगीर और 14 जून को बिहारशरीफ में जनसंवाद का आयोजन किया जाएगा. माले महासचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी 40 से 45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महागठबंधन के एजेंडे और सीटों के तालमेल को लेकर भी बातचीत होगी. संवाददाता सम्मेलन में उनके अलावा पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, विधायक गोपाल रविदास व संदीप सौरभ, एमएलसी शशि यादव, वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव और उमेश सिंह भी उपस्थित थे.

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