चीन के विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी अभियान की वास्तविक प्रभावशीलता अब भी स्पष्ट नहीं है और हो सकता है कि ये हमले ईरान के भूमिगत परमाणु प्रतिष्ठानों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए पर्याप्त न हों। ग्लोबल टाइम्स ने चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के सहायक अनुसंधानकर्ता ली जिक्सिन के हवाले से लिखा कि फोर्दो का परमाणु संयंत्र लगभग 100 मीटर की गहराई में स्थित है, जिससे इसे एक या दो हमलों से पूरी तरह नष्ट करना बहुत कठिन है, यहां तक कि बंकर-बस्टर बमों का उपयोग करके भी ऐसा नहीं किया जा सकता। सैन्य मामलों के विशेषज्ञ झांग जुनशे ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। झांग ने कहा कि अमेरिका करीब 13,600 किलोग्राम का जीबीयू-57 बंकर बस्टर्स से लैस बी-2 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल करता है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे केवल 65 मीटर तक की गहराई ही भेद सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धांततः, क्रम में दो बमों का उपयोग कर इस गहराई को भेदा जा सकता है, लेकिन इस रणनीति का कभी सार्वजनिक रूप से परीक्षण नहीं किया गया है, इसलिए प्रारंभिक हमले की सफलता अनिश्चित बनी हुई है। झांग ने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिका द्वारा पहुंचाई गई क्षति निस्संदेह इजराइल द्वारा पहुंचाई गई क्षति से कहीं अधिक है।’’
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