- शहर में पुरी की तर्ज पर निकाली भगवान जगन्नाथ की यात्रा, बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु
- रथ यात्रा का अनेक स्थानों पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ का भव्य स्वागत
इस संबंध में जानकारी देते हुए समाज की ओर से शिव परमार मुरली, जेपी परमार, विष्णु परमार रोलूखेड़ी, हरीश परमार, दशरथ परमार, देवनारायण परमार ने बताया कि मंदिर में सुबह पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई थी, इसके बाद सुबह दस बजे से एक घंटे तक महाआरती की गई। इसके अलावा यहां पर परिसर में भव्य पंडाल और मंच बनाकर संतों, जनप्रतिनिधियों का समाज के पदाधिकारियों ने सम्मान किया। शुक्रवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे करीब शहर के छावनी से जगदीश मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ जी का रथ खींचा। रथ को आकर्षक तरीके से सजाया गया था और प्रतीक के तौर पर रस्सी से भी लगाई थी। जिससे श्रद्धालुओं के धक्के और रस्सी खिंचने पर रथ आगे बढ़ा। इसमें श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा। शहर में लंबे समय से जगदीश मंदिर टाट बाबा परमार क्षत्रिय समाज ट्रस्ट के तत्वावधान में भव्य रथ यात्रा इस साल भी आस्था और उत्साह के साथ निकाली गई थी। भगवान जगदीश स्वामी की रथ यात्रा 1961 में मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ शुरु की थी। रथ यात्रा का सामाजिक संगठनों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया। रथ यात्रा का उत्साह तो वैसे मंदिर में गुरुवार की देर शाम से आरंभ हो गया था। मंदिर में भजन मंडलों के द्वारा उत्साह के साथ भजन-कीर्तन किया गया और उसके पश्चात शुक्रवार की सुबह मंदिर में चलित झांकियों को आस्था के साथ रथ में विराजमान किया गया और रथ यात्रा में आधा दर्जन से अधिक भजन मंडलों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। रथ यात्रा में हनुमान और वृद्धावान के कलाकारों ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। चल समारोह के अध्यक्ष सुरेश परमार गब्बर ने बताया कि अब शुक्रवार की पूरी रात्रि को शहर के छावनी में भजन मंडलों के द्वारा मंदिर में जागरण किया जाएगा और शनिवार को मंडी से समाजजन भगवान को वापस लेकर आऐंगे और यहां पर पूजा अर्चना की जाएगी।

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