बेंगलुरु : कर्नाटक में दीवाली के बाद सिद्धरामैया की जगह शिवकुमार बन सकते हैं मुख्यमंत्री : राजन्ना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 26 जून 2025

बेंगलुरु : कर्नाटक में दीवाली के बाद सिद्धरामैया की जगह शिवकुमार बन सकते हैं मुख्यमंत्री : राजन्ना

  • 30-30 का फार्मूला हो सकता है लागू

Siddharammaiyya
बेंगलुरु, 26 जून (विजय सिंह)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक बार फिर ठंडी में गर्मी का एहसास कराने के लिए राजनीतिक तापमान में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं।  राजनीतिक हल्कों में पिछले कुछ समय से राज्य के उपमुख्यमंत्री सह कर्नाटक राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार का नाम संभावित मुख्यमंत्री के रूप में काफी चर्चा में हैI विगत दिनों डीके शिवकुमार के एक समर्थक ने उनके अगले मुख्यमंत्री के पद पर ताजपोशी की 200 प्रतिशत संभावनाओं पर बयान देकर सुर्खियां बटोरी थी, लेकिन आज गुरुवार को कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के.एन.राजन्ना ने राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए अक्टूबर के बाद मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरामैया द्वारा मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली करने संबंधी बयान देकर राजनीतिक तापमान में अप्रत्याशित इजाफा कर दिया है। 


Rajanna
बेंगलुरु से लगभग 110 किलोमीटर दूर टुमकुर जिलांतर्गत मधुगिरी विधानसभा सीट से विधायक, सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने कहा कि अब से चार महीने बाद राज्य की राजनीति में बदलाव देखने को मिलेंगे Iपत्रकारों से बात करते हुए राजन्ना ने कहा, "फिलहाल काफी ठंड का मौसम है, मौसम बदलते ही सितंबर- अक्टूबर के बाद राज्य की राजनीति में भी परिवर्तन दिखेंगे। वर्तमान मुख्यमंत्री के काफी करीबी के रूप में पहचाने जाने वाले राज्य के कैबिनेट मंत्री राजन्ना ने बताया कि राज्य में सत्ता के विकेंद्रीकरण की वजह से मौजूदा मुख्यमंत्री को राज्य प्रशासनिक कार्यों के संपादन में अनुकूल माहौल नहीं मिल पा रहा है। लंबा राजनीतिक अनुभव रखने वाले सहकारिता मंत्री राजन्ना ने बताया कि  2013 और 2018 के बीच सिद्धारमैया ही शीर्ष सत्ता के एकमात्र शक्ति केंद्र थे, लेकिन वर्तमान कार्यकाल में सत्ता एक से अधिक केंद्रों में बंटी हुई है, ऐसे में जब अधिक शक्ति केंद्र होंगे, तो स्वाभाविक रूप से "पावर" विभाजित होंगे और मुख्यमंत्री को उसी अनुरूप काम करना पड़ेगाI उन्होने कहा कि "लोग कहते हैं कि सिद्धारमैया की कार्यशैली उनके पिछले कार्यकाल जैसी नहीं है",लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें आज सबका ध्यान रखना होता है। राजन्ना या राजनीतिक हल्कों में कर्नाटक में सत्ता नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर राजनीतिक जानकार बताते हैं कि 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक राज्य के 2023 में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 135 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थीI    भारतीय जनता पार्टी को महज 66 सीटें पर संतोष करना पड़ा था I   बताया जाता है कि तब राज्य में कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर हुए कथित खींचतान को समाप्त करने के लिए एक साझा नीति बनाई थी,  जिसमें मुख्यमंत्री पद के दोनो शीर्ष दावेदारों को 30-30 महीने के लिए मुख्यमंत्री का पद सुशोभित करने को लेकर रजामंदी बनी थी। अगर इस फार्मूला को माने, तब भी इस वर्ष नवंबर में मुख्यमंत्री  सिद्धरामैया अपने हिस्से के 30 महीने का कार्यकाल पूरा कर लेंगे। इस लिहाज से भी आगामी चार महीनों में कर्नाटक की राजनीति के शीर्ष पर बदलाव की लहर का आभास हो रहा है। 

कोई टिप्पणी नहीं: