- प्रसिद्ध भजन सम्राट लखबरी सिंह लक्खा देंगे अपने भजनों की प्रस्तुति
- देश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है प्रसिद्ध कुबेरश्वरधाम, हर रोज दर्शन के लिए आते हजारों श्रद्धालु
लखबीर सिंह लक्खा जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वरधाम में अपने भजनों की प्रस्तुति देंगे। यह एक प्रसिद्ध भजन गायक हैं, जो अपने देवी-देवताओं के भजनों के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर भजनों की लाइव प्रस्तुति देते हैं, जिसमें माता के भजन, शिव के भजन और अन्य देवी-देवताओं के भजन शामिल होते हैं। लखबीर सिंह लक्खा ने अपने भजनों से लाखों लोगों को भक्ति और आनंद में डुबोया है। उनकी आवाज और प्रस्तुति शैली काफी लोकप्रिय है, और उनके भजनों को देश भर में सुना जाता है। लखबीर सिंह लक्खा ने कई देवी-देवताओं के भजनों की रचना की है, जो उनकी भक्ति और ज्ञान को दर्शाते हैं। उनके भजनों में देवी-देवताओं की महिमा, उनके भक्तों के प्रति प्रेम और उनके जीवन में आनंद का वर्णन किया गया है। लखबीर सिंह लक्खा भव्य एक शाम कुबेर भडारी के नाम में अपने भजनों की प्रस्तुति देंगे। यह कार्यक्रम उनके भक्तों के लिए एक अच्छा अवसर होगा, जो उनके भजनों को सुनने और उनकी भक्ति का आनंद लेने के लिए एकत्र हो सकते हैं। लखबीर सिंह लक्खा के भजन एक ऐसा अनुभव है जो भक्तों को देवी-देवताओं के करीब लाता है और उन्हें उनके जीवन में आनंद और शांति प्रदान करता है। जिला संस्कार मंच के जिला संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित श्री मिश्रा ने सनातन धर्म को मजबूत किया है और वर्तमान में करोड़ों श्रद्धालुओं के प्रेरणा स्त्रोत है। हर जाति, वर्ग के लोगों को धर्म को जोड़ने के लिए शिव महापुराण का संकल्प लेने वाले भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा आदि शंकाचार्य की तरह पूरे देश को धर्म से जोड़ चुके है। उनके आह्वान पर सूने पड़े मंदिरों में रोनक आई है। मंदिरों में पूजा-अर्चना का दौर जारी है। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है और जहां पर श्रद्धालुओं की कामनाएं भगवान शिव पूरी करते है। शास्त्रों के अनुसार गुरु का अर्थ होता है अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाला शास्त्रों के अनुसार गुरु का अर्थ होता है अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाला। गुरु अपने ज्ञान से शिष्य के अज्ञानता को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करता है। इसलिए गुरु वंदनीय हैं। साधक या शिष्य के लिए जिस प्रकार आराध्य के वंदन की जरूरत होती है, वैसे ही गुरु के अर्चन की आवश्यकता होती है। क्योंकि बिना गुरु के ज्ञान मिल पाना असंभव है। साधक के लिए भगवान और गुरु समान हैं। गुरु के माध्यम से भगवान तक भी पहुंचा जा सकता है। गुरु अपने शिष्यों के जीवन में अनेकों दिव्य अनुभूतियां कराते हैं। चमत्कार बाहर नहीं शिष्य के अंदर घटित होते हैं। सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि इंसान के भीतर ही ईश्वर को ज्योति स्वरुप में प्रकट कर देते हैं। उन्होंने कहा कि प्राणी के जीवन में सद्गुरू का विशेष महत्व है, हम अपने जीवन में सद्गुरू को याद कर उनको चरण वंदन करते हैं। भक्त का अचारण ही अपने गुरु की प्ररेणा देता है और भक्त का आचरण ही अपने गुरु के ज्ञान के प्रचार-प्रसार करता है। यदि भक्त के अच्छे सत्कर्म हैं, तो गुरु की हर जगह प्रशंसा होती है। गुुरु की कृपा से ही भक्त भवसागर से पार होता है। भक्त को कभी भी छल कपट नहीं करना चाहिए।
समिति कर रही देश भर में प्रचार-प्रसार
विठलेश सेवा समिति के पंडित समीर शुक्ला के द्वारा क्षेत्र ही नहीं पूरे देश में सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यम से 16 जून को होने वाले एक शाम कुबेर भंडारी के नाम भव्य भजन संध्या का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। यह कार्यक्रम श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत रहेगा। सुप्रसिद्ध भजन गायक लखवीर सिंह लक्खा की प्रस्तुति भक्तों को भक्ति रस में डुबो देगी।

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