सामंती दबंगता और हर तरह की दबंगता के खिलाफ लड़कर माले ने दलित-गरीबों के बीच मजबूत आधार बनाया है. यही कारण है कि भाकपा माले का चुनावी प्रदर्शन महागठबंधन के भीतर सबसे अव्वल है. विधानसभा में सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में शाहाबाद और मगध क्षेत्र में ही महागठबंधन का सबसे उम्दा प्रदर्शन रहा है जो मोदी जी को परेशान किए हुए हैं. इसलिए वे चुनाव पूर्व सभाएं आयोजित कर रहे हैं. इस काम में उन्होंने अपने हनुमान को भी लगा दिया है. इंडिया गठबंधन का बेहतर प्रदर्शन और गठबंधन की सरकार बनाने के लिए जरूरी है कि भाकपा माले को उचित हिस्सेदारी मिले और वह भी सभी क्षेत्रों में. दरभंगा,मधुबनी और सुपौल में माले को पिछली बार कोई सीट नहीं मिली थी,यह भी एक कारण है कि इन जिलों में महागठबंधन का काफी कमजोर प्रदर्शन रहा. इस कमी को दुरुस्त किया जाना चाहिए. कुंठाओं की राजनीति में कोई जगह नहीं होती,जमीनी यथार्थ पर खड़ा होकर ही चीजें तय होती हैं. महागठबंधन में आपसी तालमेल का पहलू ठीक है. सीट शेयरिंग का मामला भी हल हो जाएगा. वंचितों का सामाजिक संतुलन को मजबूत बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. 15 हजार और उससे ज्यादा जीत हार के आधार पर और पुराने प्रदर्शन को निश्चय ही आधार बनाना होगा.
पटना, (आलोक कुमार). इंडिया गठबंधन में गठबंधन स्तर पर और पार्टी स्तर पर लगातार पहल कमियां हो रही हैं. राजद, कांग्रेस के साथ साथ भाकपा माले जमीनी स्तर पर और राज्य स्तर पर पहल कदमियों में है. बिहार में पदयात्राओं का रिकॉर्ड्स भाकपा माले ने बनाया है. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य नेताओं की अगुवाई में तकरीबन 1500 किलोमीटर की पदयात्राएं विभिन्न चरणों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई है. दलितों, बच्चियों-महिलाओं के ऊपर हमले और अल्पसंख्यकों पर हमले की हर घटना पर माले ने प्रतिवाद किया है. राज्य में आशा,विद्यालय रसोइया,आंगनबाड़ी और सफाई कर्मियों के साथ साथ जीविका दीदियों के आंदोलन को ऐक्टू/कर्मचारी संगठनों ने नया तेवर दिया. माइक्रो फाइनेंस के कर्ज तले तबाह महिलाओं को कर्ज से मुक्ति दिलाने की बड़ी मुहिम महिला संगठन ंपचूं के जरिए चलाई जा रही है. दलित गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ जोरदार प्रतिरोध खड़ा किया है. बुलडोजर राज के खिलाफ माले का संगठन खेग्रामस के विधानसभा के समक्ष बार बार प्रदर्शन किया है और हर जिले में मोर्चा लिया है. दलित गरीबों के वास आवास का प्रश्न माले आंदोलन का मुख्य प्रश्न है. हजारों दलित वंचितों को उजाड़ने से बचाया गया है. बसेरा 2 के तहत हजारों दलित परिवारों को पर्चे दिलाए गए हैं.

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