आसनसोल : नवनियुक्त कोएड जुटर एलियस फ्रैंक हैं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 जून 2025

आसनसोल : नवनियुक्त कोएड जुटर एलियस फ्रैंक हैं

  • पोप लियो 14वें ने धर्माध्यक्ष एलियस फ्रैंक को कलकत्ता महाधर्मप्रांत का नया सहायक महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया
  • परमधर्मपीठीय उर्बानिया विश्वविद्यालय में कैनन लॉ में डॉक्टरेट की पढ़ाई की है

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आसनसोल, (आलोक कुमार).यह बहुत ही कम लोगों के साथ होता है.कलकत्ता महाधर्मप्रांत विभक्त होने पर आसनसोल धर्मप्रांत में फादर एलियस फ्रैंक शामिल हो गये.फादर एलियस फ्रैंक को आसनसोल धर्मप्रांत के दूसरे धर्मप्रांत बनने का मौका मिला.अब कलकत्ता महाधर्मप्रांत के नये सहायक महाधर्माध्यक्ष कोएड जुटर नियुक्त हो गये. कलकत्ता महाधर्मप्रांत में 23 अप्रैल 1993  को फादर एलियस फ्रैंक का पुरोहिताभिषेक हुआ. इस बीच कलकत्ता महाधर्मप्रांत को विभक्त कर 1997 में आसनसोल धर्मप्रांत बनाया, तब वे इस नए धर्मप्रांत में शामिल हो गए.यह संयोग रहा कि वे आसनसोल धर्मप्रांत का दूसरा धर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए. उनको 2023 में संत पापा फ्राँसिस ने धर्माध्यक्ष नियुक्त किये. अब वे कलकत्ता महाधर्मप्रांत में आ गये. वे केवल आए ही नहीं बल्कि कलकत्ता महाधर्मप्रांत का नया सहायक महाधर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिए गये.पोप लियो 14वें ने 28 जून 2025 को कलकत्ता महाधर्मप्रांत का नया सहायक महाधर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं.

 

नवनियुक्त  कलकत्ता  महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष के कोएड जुटर एलियस फ्रैंक का जन्म 15 अगस्त 1962 को मैंगलोर के बंटवाल धर्मप्रांत में हुआ था.बारासात में संत जॉन वियानी मेजर सेमिनरी में पढ़ाई के बाद, उन्होंने बैरकपुर के मॉर्निंग स्टार रीजनल सेमिनरी में दर्शनशास्त्र और रोम के परमधर्मपीठीय उर्बानिया विश्वविद्यालय में ईशशास्त्र का अध्ययन किया.23 अप्रैल 1993 को कलकत्ता महाधर्मप्रांत में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ था.1997 में जब आसनसोल धर्मप्रांत  बना, तो वे इस नए धर्मप्रांत में शामिल हुए. अभिषेक के बाद सबसे पहले उन्होंने बर्दवान के सेक्रेड हार्ट पल्ली में सहायक पल्ली पुरोहित के रूप में कार्य किया (1993-1995 और 1996-1999) और बसिंडा के क्रिस्टो ज्योति पल्ली के पल्ली प्रशासक (1995-1996) की भूमिकाएं निभाईं.उन्होंने कैनन लॉ में लाइसेंसिएट (1999-2001) और रोम के परमधर्मपीठीय उर्बनिया विश्वविद्यालय में न्यायशास्त्र में डिप्लोमा के लिए अध्ययन किया। दुर्गापुर में येसु की छोटी संत तेरेसा पल्ली के पल्ली प्रशासक (2002-2003) के रूप में सेवा करने के बाद उन्होंने परमधर्मपीठीय उर्बानिया विश्वविद्यालय (2003-2004) में कैनन लॉ में डॉक्टरेट की पढ़ाई की. उसके बाद बर्दवान में सेक्रेड हार्ट पल्ली के पल्ली पुरोहित और कलकत्ता के अंतर-धर्म प्रांतीय ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश (2005-2006) और रोम के अलफोंसियानुम अकादमी में अतिथि प्रोफेसर (2020 से) रहे. उन्होंने दिव्य उपासना और संस्कारों के अनुशासन के लिए गठित विभाग के सलाहकार, विश्वास के सिद्धांत के लिए विभाग में विवाह मामलों के आयुक्त और रोम भिखारियेट के न्यायालय में बाहरी न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है.

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