जानकार लोगों का कहना है कि अंतिम बार ईसाई प्रतिनिधि के रूप में वर्ष 2015 में एम्ब्रोस पैट्रिक को उपाध्यक्ष बनाया गया.उक्त अधिसूचनानुसार संख्या 1069, दिनांक 05.08.2015 द्वारा आयोग का अगले कार्यकाल के लिए गठन किया गया.मोहम्मद सलाम अध्यक्ष बनाये गये तथा एम्ब्रोस पैट्रिक एवं डॉक्टर कप्तान दिलीप कुमार सिन्हा उपाध्यक्ष मनोनीत हुए.सदस्य के रूप में कुलवंत सिंह सलूजा, मोहम्मद अब्दुल्लाह,अहमद अली तमन्ने मनोनित किए गये. सरकार के निर्देश पर मोहम्मद सलाम अध्यक्ष तथा एम्ब्रोस पैट्रिक एंव डॉक्टर कैप्टन दिलीप कुमार सिन्हा उपाध्यक्ष तथा तीनों सदस्यों ने दिनांक 17-05-2017 को त्यागपत्र दे दिया.इसके बाद से आयोग के पुनर्गठन में ईसाई समुदाय के किसी शख्स को आयोग में प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया गया.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साल, भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह,जनसुराज के संस्थापक सदस्य गोडेन अंतोनी ठाकुर,अल्पसंख्यक विभाग की सचिव इंग्रिड डिसूजा आदि श्रेष्ठ ईसाई नेता हैं,जो देशहित और पार्टीहित में शानदार सेवा कर रहे हैं. मालूम हो कि बिहार सरकार के द्वारा पंजीकृत क्रिश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव ए.ए.ओस्ता को 1993-94 में पहली बार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए थे.इसके बाद आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में पहली बार फादर बेनी एक्का को मनोनीत किया गया.वे 21-08-1998 से 20-08-2001 तक उपाध्यक्ष पद पर रहे.इसी तरह फादर पीटर अरोकियास्वामी 05-08- 2006 से 04-08-2009 तक रहे.पद्मश्री सुधा वर्गीस 07-08-2012 से 06-06-2015 तक रहे.एम्ब्रोस पैट्रिक 07-08-2015 से 17-06-2016 तक रहे.केवल आठ माह ही उपाध्यक्ष पद पर रहे.उसके बाद सरकार ने ईसाई समुदाय को हाशिए पर धकेल दिया है.
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