RenaissThera ने इन नवाचारों के लिए 'कॉम्पोज़िशन ऑफ मैटर' और उपयोगिता से जुड़े पेटेंट आवेदन दाखिल किए हैं, और कंपनी अपनी रिसर्च का विस्तार मोटापा और डायबिटीज़ से जुड़ी GIP, GLP-1 और Apelin रिसेप्टर्स की दिशा में कर रही है। कंपनी का AI-सक्षम इनोवेशन प्लेटफॉर्म, जिसमें GenAI और ML टूल्स एकीकृत हैं, नए स्मॉल मॉलीक्यूल डिज़ाइन और ऑप्टिमाइज़ेशन को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है। RenaissThera के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ डॉ. रामकेश मीणा ने कहा, "हम अपने निवेशकों और साझेदारों के सहयोग के लिए आभारी हैं। हमारी टीम अगले वर्ष तक IND के लिए तैयार उम्मीदवारों की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही हम फार्मा पार्टनर्स और निवेशकों से सक्रिय बातचीत में भी हैं, जो हमारे मोटापा रोधी कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।” VedTechBio Research Private Limited के साथ साझेदारी के साथ इस उपलब्धि को संभव बनाया गया, जिसने अपने Agentic AI प्लेटफॉर्म RxAgentAI और खोज विशेषज्ञता का सहयोग प्रदान किया। VedTechBio के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सुधीर नगराजन ने कहा: "रेनेसथे़रा के साथ हमारी साझेदारी के सकारात्मक परिणाम देखकर हम बेहद संतुष्ट हैं। यह उपलब्धि खासकर मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज़, ऑन्कोलॉजी और इन्फ्लेमेशन जैसे प्रमुख चिकित्सकीय क्षेत्रों में हमारे प्लेटफॉर्म और क्षमताओं की वैधता को दर्शाती है।"
बेंगलुरु, बेंगलुरु स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी RenaissThera प्राइवेट लिमिटेड ने अपने मोटापा रोधी दवा कार्यक्रम के तहत ग्लूकोज़-डिपेंडेंट इंस्युलिनोट्रॉपिक पोलिपेप्टाइड रिसेप्टर (GIPR) को लक्ष्य करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा की है। GIPR एक वैध इनक्रेटिन रिसेप्टर है, जिसे पेरेंट्रल पेप्टाइड-आधारित उपचारों में उपयोग किया जाता है और इसके स्टिमुलेशन व इनहिबिशन दोनों ने मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों के इलाज में प्रभाव दिखाया है। RenaissThera अब GIPR को टारगेट करने वाले इनोवेटिव, ओरल स्मॉल मॉलीक्यूल एगोनिस्ट्स और एंटागोनिस्ट्स विकसित कर रही है, जो मौजूदा पेप्टाइड-आधारित दवाओं के मुकाबले अधिक किफायती और सुविधाजनक विकल्प हैं। यह पहल खासतौर पर उन समुदायों के लिए है जो मोटापा जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में आज भी पिछड़े हुए हैं जबकि वैश्विक मोटापे से जुड़े बाज़ार के 2032 तक 38 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इन ओरल मॉलीक्यूल्स को कंपनी के AI और मशीन लर्निंग आधारित स्वदेशी प्लेटफॉर्म के ज़रिए डिज़ाइन और स्क्रीन किया गया है। जिसके बाद इन-विट्रो (सेल लाइनों पर) और इन-वाइवो (चूहों पर) परीक्षणों में सफल परिणाम प्राप्त हुए। ये प्रभावी मॉलीक्यूल अब लीड ऑप्टिमाइज़ेशन कार्यक्रम में आगे बढ़ रहे हैं, जहां से प्री-IND (इंवेस्टिगेशनल न्यू ड्रग) स्टडी के लिए अंतिम उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

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