नवादा : गंगा जमुनी संस्कृति बर्बाद कर नफरत का बीज बोया गया : तुषार गांधी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 9 जून 2025

नवादा : गंगा जमुनी संस्कृति बर्बाद कर नफरत का बीज बोया गया : तुषार गांधी

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नवादा, (आलोक कुमार)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुत्र मणिलाल गांधी हैं. मणिलाल गांधी के एक पुत्र अरुण मणिलाल गांधी था. अरुण मणिलाल गांधी के एक ही बेटा था, जिसका नाम तुषार अरुण  गांधी.महात्मा गांधी के परपोते, मणिलाल गांधी के पोते और अरुण मणिलाल गांधी के पुत्र तुषार अरुण गांधी हैं. उनका पटना और नवादा में कार्यक्रम था.दोनों कार्यक्रमों में मुख्य वक्ता श्री तुषार गांधी थे. संपूर्ण क्रान्ति दिवस और पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि गांधी जी के परपोते तुषार गाँधी के समस्त छात्र और छात्राओं ने गांधी जी के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम और वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीड़ पराई जाने रे‘ से सत्र की शुरुआत  हुई और छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी का संकल्प गीत नया जमाना नयी जवानी देंगे अपनी कुर्बानी कहने वाले दीवानो की बनी आज संघर्ष वाहिनी को सुशील ने गाया. इसी सत्र में कारू जी ने भी युग की जड़ता के खिलाफ एक इंकलाब ,गीत  गाए. सत्र का संचालन उदय भागलपुर और ज्ञानेन्द्र महाराष्ट्र ने किया. मंथन संपूर्ण क्रान्ति और संघर्ष वाहिनी के पचास साल पर  पारित मसौदा को पढ़कर सुनाया. तुषार गांधी ने देश की राजनीतिक सामाजिक और सांस्कृतिक हालात को चिंताजनक बताते हुआ  कहा कि सत्ता के द्वारा जो नफरत फैलाया जा रहा है वह अंग्रेजी हुकूमत से भी भयावह है. तुषार गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र के एक गांव में गए थे, उसका बयान करते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता किस प्रकार से मुसलमानों के उत्पाद का बहिष्कार करवाया है ,जिसके कारण उनके लिए जीवन और मरण का संकट आ गया है.गंगा जमुनी संस्कृति बर्बाद कर नफरत का बीज बोया गया.साजिश पूर्वक सत्ता के द्वारा नस्लभेद कर आपस मे तनाव का माहौल बनाया जा रहा है. इसका सड़कांे पर उसी प्रकार निकलकर बिरोध करना पड़ेगा जिस प्रकार 1974 में बिहार से आंदोलन शुरू हुआ और केंद्र की सत्ता हिल  गयी थी. जिस गांधी के समय जेल से कैदी भर गये और जेल के वाह्रर घेरा बनाकर कैंपो में रखना पड़ा था और जेल घेरा टुट गया था उसी ढंग की स्थिती  पैदा करना होगा और घर से निकलकर सड़कों पर आना होगा.  

 

प्रश्न प्रति प्रश्न में बनारस के साथी सर्व सेवा संघ की जमीन सरकार द्वारा हड़पने और 11अक्टुबर से दिल्ली मार्च का जिक्र करते हुए सभी को यात्रा  भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. पंकज जी  चुनाव में साम्प्रदायिक शक्ति को हराने और नफरत के खिलाफ प्रेम और शांति का संदेश देने के लिए बिहार में यात्रा की शुरुआत चंपारण से करने का आमंत्रण दिया. कारू ने भी बोधगया आने और अपना पूरा जीवन राष्ट्र से नफरत हटाने के लिए  समर्पित करने का संकल्प लिया. इसके अलावे कई महत्वपूर्ण साथियों ने सवाल और महत्वपूर्ण सुझाव दिया..अंतिम दिन  चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए एक कमिटी बनाई गयी जिसके संयोजक प्रोफेसर योगेन्द्र भागलपुर को बनाया गया जिसका कैंप कार्यालय गांधी निधी पटना होगा. एक संचालन समिति भी बनाई गयी जिसका संयोजक ज्ञानेन्द्र महाराष्ट्र को बनाया गया.अगला वाहिनी मित्र मिलन  समारोह इलाहाबाद में होगा,जिसके आयोजन समिति  के संयोजन का जिम्मा सौंपा गया. वाहिनी मित्र  संवाद  समिति का संयोजक कारू बोधगया को चुना गया.इसके अलावे महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं जिस पर संवाद स्थापित करने और निर्णय लेने के लिए  ऑनलाइन बैठक करने की सहमति बनी है.

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