पटना (रजनीश के झा)। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शनिवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य शुरू हो गया है। निर्वाचन आयोग ने उस संवैधानिक प्रावधान की भी याद दिलाई जिसके मुताबिक केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकते हैं। ईसी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत का संविधान सर्वोच्च है। सभी नागरिक, राजनीतिक दल और देश का निर्वाचन आयोग संविधान का पालन करते हैं।’’ यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों ने गहन पुनरीक्षण की मंशा को लेकर सवाल उठाए हैं। निर्वाचन निकाय ने याद दिलाया कि अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता निर्दिष्ट की गई है, जिसके आधार पर केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय नागरिक तथा उस निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी ही मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए पात्र हैं। कई विपक्षी दलों ने कहा है कि इस प्रक्रिया से राज्य मशीनरी का उपयोग करके जानबूझकर मतदाताओं को बाहर किए जाने का खतरा है। निर्वाचन अधिकारी इस वर्ष बिहार से शुरुआत करते हुए छह राज्यों में मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण कर रहे हैं। इसका उद्देश्य जन्मस्थान की जांच करके विदेशी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना है। बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं, जबकि अन्य पांच राज्यों - असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव 2026 में होने हैं। निर्वाचन आयोग के पास पहले से ही लगभग 78 हजार बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) हैं और नए मतदान केंद्रों के लिए 20 हजार से अधिक बीएलओ की नियुक्ति की जा रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान एक लाख से अधिक स्वयंसेवक वास्तविक मतदाताओं, विशेषकर वृद्ध, बीमार, दिव्यांग व्यक्तियों, गरीबों और अन्य कमजोर समूहों की सहायता करेंगे। सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने पहले ही 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि वे अभी और ऐसी नियुक्तियां कर सकते हैं। बीएलए पार्टी कार्यकर्ता होते हैं जो मतदाता सूची के पुनरीक्षण या पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ के साथ समन्वय करते हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा कि बिहार के सभी मौजूदा 7,89,69,844 मतदाताओं के लिए नए गणना प्रपत्रों की छपाई के साथ-साथ घर-घर जाकर इनके वितरण का काम राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों में पहले ही शुरू हो चुका है। मौजूदा 7,89,69,844 मतदाताओं में से 4.96 करोड़ मतदाताओं का नाम एक जनवरी 2003 को मतदाता सूची के अंतिम गहन पुनरीक्षण में पहले से ही हैं और ऐसे मतदाताओं को बस इसका सत्यापन करना है यानी गणना प्रपत्र भरना है और उसे जमा करना है।
शनिवार, 28 जून 2025
पटना : बिहार में निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू किया
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