- सावन में दिखेगा बाबा के दरबार में भक्तों का सैलाब, इस बार एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु
- वीआईपी दर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित, पांच मेडिकल सेंटर, छह खोया-पाया केंद्र
कांवड़ यात्रा की प्रशासनिक तैयारियां पूरी
सावन की शुरुआत से पहले काशी नगरी में प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। बाबा विश्वनाथ के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और कांवड़ यात्रा के दौरान काशी की सड़कों पर शिवभक्तों का रेला संभालने के लिए पुलिस, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और अन्य प्रशासनिक इकाइयों ने अपनी कमर कस ली है। सावन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन से लेकर यातायात नियंत्रण तक हर स्तर पर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हर भक्त को सामान्य कतार में लगकर ही बाबा के दर्शन करने होंगे।
मंदिर में प्रवेश के लिए अलग-अलग रास्तों का निर्धारण
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार मंदिर में प्रवेश के लिए गेट नंबर 4, नंदू फारिया, सिल्को गली, ढुंढिराज और सरस्वती फाटक से प्रवेश दिया जाएगा। गंगा में संभावित बाढ़ को देखते हुए ललिता घाट से श्रद्धालुओं का प्रवेश फिलहाल प्रतिबंधित रखा जा सकता है। गोदौलिया से मैदागिन तक नि:शुल्क ई-रिक्शा सेवा खास तौर से वृद्ध, दिव्यांग और बच्चों के लिए शुरू की जाएगी ताकि वे आसानी से मंदिर तक पहुंच सकें।
भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था के लिए विशेष रूट प्लान
सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान मोहनसराय से मुड़ैला तिराहे तक सात किलोमीटर लंबी सड़क की बाईं लेन और सर्विस लेन पूरी तरह कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। सामान्य राहगीरों के लिए दायीं लेन और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। डीएम सत्येंद्र कुमार और एसीपी शिवहरि मीणा ने मौके पर पहुंचकर कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत, बैरिकेडिंग, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
कांवड़ यात्रा के विश्राम स्थल और पार्किंग का विशेष प्रबंध
भास्कर पोखरा इस बार भी कांवड़ियों का प्रमुख पड़ाव रहेगा, जहां श्रद्धालु स्नान और विश्राम करते हैं। यहां सफाई, प्रकाश व्यवस्था और बैरिकेडिंग के विशेष निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए मातादीन सुकुल इंटर कॉलेज में पार्किंग और जगतपुर इंटर कॉलेज को वैकल्पिक पार्किंग के रूप में तैयार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के विशेष प्रबंध
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में पांच मेडिकल टीम, छह खोया-पाया केंद्र, दो एंबुलेंस (एक एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ) की व्यवस्था रहेगी। ग्लूकोज, ओआरएस घोल, पेयजल, बिस्किट और टॉफी का मुफ्त वितरण भी समय-समय पर किया जाएगा ताकि वृद्ध और बच्चों को राहत मिल सके। डिजिटल सूचना प्रणाली के तहत धाम में लोक सूचना प्रसारण और जगह-जगह डिजिटल स्क्रीन लगाई जा रही हैं, जहां बाबा विश्वनाथ की आरती और शृंगार के सीधे प्रसारण श्रद्धालु देख सकेंगे।
दलालों से सावधान रहें
मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया है कि कोई भी श्रद्धालु दलालों के झांसे में न आए। कोई भी व्यक्ति अगर पैसे लेकर विशेष दर्शन कराने की बात करता है, तो वह ठगी कर रहा है। ऐसी किसी भी घटना की तत्काल सूचना नजदीकी पुलिसकर्मी या मंदिर प्रबंधन को दें।
सावन में बाबा के होंगे विशेष शृंगार, इस सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिनमें बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग शृंगार होंगे
14 जुलाई: चल प्रतिमा शृंगार
21 जुलाई: गौरी-शंकर शृंगार
28 जुलाई: अर्धनारीश्वर शृंगार
4 अगस्त: रुद्राक्ष शृंगार
9 अगस्त: झूला शृंगार (पूर्णिमा)

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