- कुबेरेश्वरधाम पर सावन के पहले सोमवार फूल बंगला, हजारों कावड़ियों ने किया जल से अभिषेक

सीहोर। हर साल की तरह जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर सावन के हर सोमवार पर यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फूल बंगला सजाया जा रहा है। इस परम्परा को आगे बढ़ते हुए इस बार भी हजारों श्रद्धालुओं के दर्शन किए और शहर के सीवन नदी तट से लेकर आए जल से भगवान शिव का अभिषेक किया। सुबह से ही यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे और कंकर-शंकर की पूजा अर्चना की। शहर के पांच स्थानों पर किया जा रहा कुबेरेश्वरधाम पर जाने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत और प्रसादी का वितरण। इस संबंध में जानकारी देते हुए विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा ने बताया कि शहर के सीवन तट से कावड यात्रियों के लिए समिति की ओर से एक पंडाल के अलावा श्री राधेश्याम विहार कालोनी, इंदौर नाके, सोया चौपाल आदि पर चाय-पानी, नश्ते और फलहारी खिचड़ी की व्यवस्था की गई है। यहां पर विश्राम करने के लिए वाटर फू्रप पंडाल लगाए गए है और यात्रा के दौरान कावड यात्री यहां पर ठहरने के बाद अपनी यात्रा पर निकल जाते है। करीब 11 किलोमीटर तक निकाली जाने वाली यात्रा में सावन के पहले सोमवार पर श्री राधेश्याम विहार कालोनी परिवार की ओर से करीब क्विंटल खिचड़ी, चाय, केले के अलावा पानी के पाउच आदि का वितरण किया गया। वहीं विठलेश सेवा समिति की ओर से शहर के मार्ग पर बनाए पंडाल पर पूज्य गुरुदेव की माताश्री ने फलों का वितरण किया।
10 क्विटल फलहारी प्रसादी का वितरण
इधर कुबेरेश्वरधाम पर सोमवार को सुबह पांच बजे से ही भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया गया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ में मौजूद पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में सुबह 10 बजे बाबा की पूजा अर्चना के पश्चात यहां पर आए करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को करीब 10 क्विंटल से अधिक फलहारी प्रसादी का वितरण किया।
सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना
समिति के पंडित मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि श्रावण मास महात्म्य में इस महीने के महत्व, दान, नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है। सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में किए जाने वाले शुभ कर्मों का अत्यंत फल मिलता है। माना जाता है कि सावन में व्यक्ति को किसी न किसी व्रत का पालन जरूर करना चाहिए। साथ ही अपनी क्षमता अनुसार दान करना चाहिए। इससे शिवजी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा मिलती है। वहीं गुरुदेव का सबसे प्रिय एक लोटा जल और सावन में दो लोटा जल का भगवान के शिवालय में अर्पित करना चाहिए। यही नहीं सावन मास में फूल, फल, तुलसी की मंजरी, तुलसी दल, बेल पत्र से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। सावन में रोज अतिरुद्र, महारुद्र या रुद्रमंत्र से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा सावन मास में यथासंभव दान पुण्य करना चाहिए। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
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