- आज सावन के दूसरे सोमवार पर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु
- आस्था का सैलाब चार साल के बच्चे से लेकर 90 साल के बुजुर्ग कर रहे सावन में भगवान का अभिषेक
रविवार को गुरुदेव ने सेवा में लगे पंडाल में पहुंचकर उत्साहवर्धन किया
रविवार को सुबह दस बजे सीवन नदी से सोया चौपाल तक आस्था के साथ कांवड यात्रियों की सेवारत पंडालों में अचानक पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने सेवा कार्य करने वालों के कार्य की मुक्तकंठ तारीफ करते हुए कहाकि मानवता की सेवा करने से बेहतर कोई दूसरा कार्य नहीं है। सेवा हृदय और आत्मा को पवित्र करती है। सेवा से ज्ञान प्राप्त होता है और यही मनुष्य के जीवन का असली लक्ष्य है। कांवड लेकर जाने वालों के लिए आधा दर्जन से अधिक सेवा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दिन रात सेवादार श्रद्धालुओं को खिचड़ी, चाय, नाश्ते, भोजन, बिस्कुट, फल, फलहार और पानी की बोतल और पाउच देकर रवाना कर रहे है।
सीवन नदी का घाट पर लगा भक्तों का महाकुंभ
शहर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। जिसके कारण शहर सहित आस-पास चहल-पहल नजर आ रही है। दूर दराज के क्षेत्रों के श्रद्धालु कांवड़ियों की भीड़ सीवन घाट पर देखने को मिल रही है। कांवड़ियों ने सुबह से ही कांवड़ उठाने का क्रम शुरू कर देते है। घाट पर ही कांवड़ सजाने के साथ कांवड़िये अपने ईष्ट के लिए विधि विधान पूर्वक पूजा-पाठ कर रहे हैं। इसके बाद भगवान भोलेनाथ का नाम लेकर घाट से कांवड़ उठा रहे हैं और बम-बम भोले के जयकारे के साथ भगवान की भक्ति में लीन होकर अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं। करीब 11 किलोमीटर दूर पहुंचकर बाबा कुबेरेश्वरधाम पर पूरी आस्था और विश्वास के साथ दिव्य अनुष्ठान करते है।
आज हरदा से महिलाओं का जत्थ पहुंचेगा
इधर पूरे देश के आस्थावान श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुसार कांवड लेकर आ रहे है, कई ऐसे भक्त है जो सैकड़ों किलोमीटर नंगे पैर चलते हुए बाबा के धाम पर पहुंच रहे है। इछावर में हरदा सनातनी महिलाएं छिपानेर से पैदल चलते हुए सोमवार को धाम पर पहुंचेगी, वहीं धाम पर तीन महिलाएं मुरैना से पैदल चलकर आई है।

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