- आज की जाएगी कन्याओं की पूजन, लगाया जाएगा हलवे की प्रसादी का भोग

सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम परिवार के तत्वाधान में 15 दिवसीय शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इन दिनों गुप्त नवरात्रि का भी अनुष्ठान केन्द्र में चल रहा है। केन्द्र के संचालक राहुल सिंह के नेतृत्व में छठवे दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा अर्चना की गई। श्रद्धा भक्ति सेवा समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि बुधवार को हलवे की प्रसादी का भोग लगाने के साथ कन्याओं की पूजा अर्चना की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस देवी को नवरात्रि में छठे दिन पूजा जाता है। कात्य गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की उपासना की। कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो। मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया।
उन्होंने बताया कि इसलिए यह देवी कात्यायनी कहलाईं। इनका गुण शोधकार्य है। इसीलिए इस वैज्ञानिक युग में कात्यायनी का महत्व सर्वाधिक हो जाता है। इनकी कृपा से ही सारे कार्य पूरे जो जाते हैं। ये वैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट होकर पूजी गईं। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थी। यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी। इसीलिए ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। ये स्वर्ण के समान चमकीली हैं और भास्वर हैं। सातवें दिवस कन्याओं की पूजन के साथ ही नियमित रूप से यज्ञ में आहुतियां दी जाएगी।
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