जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय ने कहा, ‘‘हम सभी के पास वोट देने का एक महत्वपूर्ण अधिकार है, जिसके ऊपर साजिशन चोट करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग मोहरा है, जो ये कदम उठा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हैरानी की बात है कि जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी या राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे महाराष्ट्र की मतदाता सूची देने और मतदान वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज की मांग करते हैं तो महीनों तक आयोग का जवाब नहीं आता है, लेकिन यहां एक महीने में पूरे बिहार की नयी मतदाता सूची तैयार कर दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है और ये खतरा सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि हर एक मतदाता के लिए है। प्रेस के वार्ता में शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष पंकज यादव, अजीत कुमार मंडल, मुन्ना राम सहित कई अन्य उपस्थित थे।
मधुबनी (रजनीश के झा)। राजद नेता आरिफ जिलानी अम्बर ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर अपने निजी कार्यालय खैरीबांका में शुक्रवार को निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला और उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘गुलामी करने’’ तथा प्रदेश के 20 प्रतिशत मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर दलित, मज़दूर, कमजोर वर्ग और अल्पसंख्याकों के 20% मतदाताओं को अपने मताधिकार से वंचित करने की चुनाव आयोग और सरकार ने एक अलोकतान्त्रिक एजेंडा निर्धारित किया है, जिसके विरुद्ध विपक्ष के प्रतिनिधिमण्डल ने चुनाव आयोग से मिलकर उनसे शिकायत दर्ज कराई, लेकिन चुनाव आयोग ने प्रतिनिधिमण्डल के एक भी प्रश्नों का कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया मोदी-शाह की कठपुतली बन चुकी चुनाव आयोग अब हरियाणा और महाराष्ट्र के तर्ज पर बिहार में भी विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान की आर में बहुत बड़ा खेला करने वाली है, लेकिन ये बिहार है। बिहार की जनता इनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी। ‘मैं पूरी विनम्रता से आयोग को चेतावनी दे रहा हूं कि यह सत्ता आने-जाने वाली चीज है। आप इनकी (भाजपा की) गुलामी क्यों कर रहे हैं? आप लोकतंत्र और संविधान की गुलामी करिए...जब हम बोलते हैं तो हमें बहुत दुख होता है। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर मात्र एक महीने में विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्णय लेने वाले लोग कौन थे? उन्होंने दावा किया कि आयोग विशुद्ध रूप से शंका के घेरे में है, जो बिहार के 20 प्रतिशत वोट को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। बाढ़ से पीड़ित लोगों के बक्से में कुछ नहीं होता है। हर बार बाढ़ के समय इनके घर का आंगन डूब जाता है, इन्हें अगली बार फिर से घर तैयार करना पड़ता है। ऐसे लोग जो बड़ी मुश्किलों में जीवन जी रहे हैं, वो आपके लिए प्रमाण कहां से लाएंगे? राजद नेता ने आयोग के शीर्ष पदाधिकारियों पर निशाना साधते हुए यह तंज भी कसा कि उन्हें निर्वाचन भवन में बैठने की क्या जरूरत है, उन्हें भाजपा मुख्यालय की एक मंजिल पर बैठना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष पुनरीक्षण के मुद्दे पर जब बुधवार शाम ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेता आयोग पहुंचे तो वहां उनके साथ ‘‘मनमाना रवैया’’ दिखाया गया। उन्होंने कहा कि इस संवैधानिक संस्था का ऐसा व्यवहार लोकतंत्र की बुनियादी संरचना को कमजोर करता है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें