- कृषि कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने बताया रासायनिक खाद से होता है नुकसान

सीहोर। रासायनिक खाद कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेत की मिट्टी खराब हो चुकी हैं जलधारण क्षमता में कमी के साथ उपज की पौष्टिकता और स्वाद में भी कमी आ रही है। वैज्ञानिकों की समझाइस पर रविवार को ग्राम सेवनिया के किसनों ने खेतों में जैविक खाद डालने का संकल्प लिया है। ग्राम पंचायत भवन में आयोजित कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक शेखर साराभाई और मृदा विशेषज्ञ संध्या वर्मा ने कृषकों को मिट्टी परीक्षण के साथ फसल की उर्वकता बढ़ाने के सहज गुर सिखाए। म.प्र.विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद एवं प्रेम बसंत एजुकेशन एण्ड वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यशाला का सरपंच राजेश विश्वकर्मा ने मां सरस्वती के चित्र पर मल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कृषि वैज्ञानिक अतिथियों का मल्यापर्ण कर व शाल श्रीफल से संस्था अध्यक्ष रामनारायण श्रीवास के द्वारा स्वागत किया गया। संस्था के सचिव संतोष सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्नत क्रषक प्रहलाद वर्मा ने जैविक क्रषि विषयक अपने अनुभवों को साझा करते हुए किसानों को लड्डू खाद,जीवामृत,जैविक कीटनाशक दशपर्णी,अग्नि शस्त्र,चार चटनी के विषय में उपयोगी जानकारी दी। प्रोजेक्टर के जरिए किसानों को उन्नतक्रषि के गुर सिखाए एवं मौसम एवं मिट्टी के अनुरूप फसल बुवाई विषयक जानकारी दी। कार्यक्रम में सचिव कमलेश मेवाड़ा,जी.पी यादव सहित जागरूक क्रषक मौजूद रहे। संचालन कमल भंडारी ने किया एवं आभार अनीता श्रीवास ने व्यक्त किया पौधरोपण कर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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