वाराणसी : अब स्मार्ट मीटर से होगी बिजली की निगरानी – न चोरी चलेगी, न बकायेदारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 जुलाई 2025

वाराणसी : अब स्मार्ट मीटर से होगी बिजली की निगरानी – न चोरी चलेगी, न बकायेदारी

  • बिना बिल भुगतान अब नहीं मिलेगी बिजली, स्मार्ट मीटर से होगी सीधी कटौती
  • योगी सरकार का बड़ा कदम – बिजली चोरों और डिफॉल्टरों की अब खैर नहीं

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वाराणसी (सुरेश गांधी)। उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए अब स्मार्ट युग शुरू हो चुका है। सरकार की सख्ती और तकनीकी नवाचार के तहत अब ‘स्मार्ट मीटर’ उपभोक्ताओं के व्यवहार को न केवल मापेगा, बल्कि जरूरत पर उन्हें सबक भी सिखाएगा। जो उपभोक्ता लगातार बिजली बिल नहीं भर रहे हैं, उनके लिए अब नया झटका तैयार है। अब उनका पोस्टपेड कनेक्शन सीधे प्रीपेड में तब्दील कर दिया जाएगा। यानी अब बिजली भी मोबाइल जैसी – पहले रिचार्ज, फिर उपभोग। मतलब साफ है स्मार्ट मीटर केवल तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि उपभोक्ता जिम्मेदारी और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में बड़ा सुधार है। अब बिजली उपभोक्ता को अपनी खपत और भुगतान में अनुशासन लाना ही होगा, वरना बिजली एक क्लिक में बंद हो जाएगी – न कोई नोटिस, न कोई मोहलत।


आरडीएसएस योजना से हो रहा स्मार्ट परिवर्तन

केंद्र सरकार की "रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इस योजना में तीन चरणों में सभी घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को कवर किया जाएगा। एसडीओ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पोस्टपेड से प्रीपेड और प्रीपेड से पोस्टपेड में किसी भी समय बदला जा सकता है और इसके लिए मीटर बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।


कैसे काम करता है स्मार्ट मीटर?

उपभोक्ता की पूरी खपत, बिलिंग, भुगतान की जानकारी रीयल टाइम ऑनलाइन उपलब्ध होगी

उपभोक्ता को एक विशिष्ट ऑनलाइन आईडी दी जाएगी जिससे वह अपने मीटर को रिचार्ज कर सकेगा

बैलेंस खत्म होते ही सप्लाई अपने आप कट जाएगी, कोई मैनुअल कार्रवाई नहीं

यदि उपभोक्ता बिल नहीं चुकाता, तो सिस्टम से उसका कनेक्शन प्रीपेड में बदल दिया जाएगा


सरकार की चेतावनी साफ – अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं

बिजली विभाग की रिपोर्ट बताती है कि हजारों उपभोक्ता जानबूझकर बिल भुगतान नहीं करते, जिससे विभाग को सालाना अरबों रुपये का नुकसान होता है। ऐसे उपभोक्ताओं पर अब टेक्नोलॉजी आधारित सख्ती शुरू हो चुकी है। शहर के पांडेयपुर एसडीओं कृष्णकांत ओझा व मडौली एसडीओ जितेंद्र प्रसाद कहते हैं, जो उपभोक्ता भुगतान नहीं कर रहे हैं, उनके पोस्टपेड कनेक्शन को विभाग सीधे प्रीपेड में बदल देगा। स्मार्ट मीटर छेड़छाड़ रहित होते हैं, पूरी तरह सील्ड होते हैं और हर गतिविधि का डेटा सिस्टम में लॉग होता है।


क्या बदलेगा इससे?

 ✔ बिजली चोरी पर अंकुश

✔ राजस्व वसूली में वृद्धि

✔ उपभोक्ताओं को मिलेगा खर्च पर नियंत्रण

✔ लाइन लॉस और अनियमितताओं में कमी

✔ बिलिंग में पारदर्शिता


तीन चरणों में होगी व्यवस्था लागू

1. पहले चरण में शहरी क्षेत्रों में सभी सरकारी, कॉमर्शियल व हाई वैल्यू कंज्यूमर को जोड़ा जा रहा है।

2. दूसरे चरण में सभी घरेलू उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा।

3. तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भी स्मार्ट प्रणाली से जोड़ा जाएगा।


चेतावनी : बैलेंस नहीं तो बिजली नहीं

एसडीओं कृष्णकांत ओझा के अनुसार, स्मार्ट मीटर में यह फीचर भी होगा कि जैसे ही उपभोक्ता का बैलेंस खत्म होगा, वह अलर्ट देगा, लेकिन अगर रिचार्ज नहीं किया गया तो बिजली तुरंत बंद हो जाएगी। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को पहले से प्लानिंग करनी होगी, जैसे वे मोबाइल फोन में बैलेंस रखते हैं।


बिजली विभाग की अपील – “अनुशासन लाएं, सुविधा पाएं”

बिजली विभाग ने अपील की है कि उपभोक्ता अपने मीटर की जानकारी ऑनलाइन जांचें, समय पर रिचार्ज करें और बिलिंग संबंधी शिकायतों से छुटकारा पाएं। सरकार की ओर से यह तकनीक उपभोक्ता के लिए सुविधा भी है और अनुशासन का संदेश भी।


आईडी से रिचार्ज होंगे घरों में लगे स्मार्ट मीटर

संबंधित उपभोक्ताओं की सारी जानकारी फीड रहेगी। वे खुद उसे जब चाहे देख सकेंगे। मीटर पूरी तरह सील होगा। छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। स्मार्ट मीटर भी रिचार्ज हो सकेगा। हर उपभोक्ता की ऑनलाइन आईडी होगी, जिससे मीटर रिचार्ज किया जा सकेगा। बैलेंस समाप्त होने से पहले ही रिचार्ज न करने पर बिजली तत्काल बंद हो जाएगी। 


पोस्टपेड मीटर को बिना बदले प्रीपेड कर दिया!

हैदराबाद में इलाजरत उपभोक्ता को विभाग ने भेजा रिचार्ज का अल्टीमेटम, एसडीओं बोले, ‘इसी मीटर को प्रीपेड बना दिया है


रमेश श्रीवास्तव का मामला : न मीटर बदला, न सहमति ली, फिर भी रिचार्ज की धमकी

वाराणसी शहर के मड़ौली क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ता रमेश श्रीवास्तव इन दिनों इलाज के सिलसिले में हैदराबाद में हैं, लेकिन वहां उनके मोबाइल पर जो बिजली विभाग से आए संदेश ने उन्हें मानसिक रूप से झकझोर कर रख दिया है। मामला केवल विभागीय लापरवाही का नहीं, उपभोक्ता अधिकारों के खुले उल्लंघन का है.  जहां बिना स्मार्ट मीटर बदले, बिना पूर्व सूचना के, एक पुराने पोस्टपेड कनेक्शन को प्रत्येक रिचार्ज वाले प्रीपेड कनेक्शन में बदल दिया गया है। फिरहाल, रमेश श्रीवास्तव के मामले में बिजली विभाग की तकनीकी कार्यप्रणाली और उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी अब गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। एक ओर उपभोक्ता का आरोप है कि पुराना मीटर और पोस्टपेड सिस्टम यथावत है, वहीं दूसरी ओर एसडीओ जितेंद्र प्रसाद का कहना है कि ‘उसी मीटर को प्रीपेड में कन्वर्ट कर दिया गया है’। यह बयान न केवल तकनीकी रूप से चौंकाने वाला है, बल्कि पूरी प्रक्रिया की वैधानिकता और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। रमेश श्रीवास्तव के मुताबिक, मड़ौली क्षेत्र के कई उपभोक्ता जिनके यहां पुराने मीटर लगे हैं और जिनका मोबाइल नंबर विभाग के पास अपडेट है. उन्हें भी ऐसी ही प्रे-फिक्स्ड ’प्रीपेड प्रणाली’ में जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को बिना नोटिस, बिना सर्वेक्षण और बिना ग्राउंड कार्रवाई के अंजाम दिया जा रहा है।


तकनीकी सवाल : क्या पुराना पोस्टपेड मीटर प्रीपेड बन सकता है?

बिजली मीटरिंग विशेषज्ञों और यूपीपीसीएल नियमों के अनुसार, प्रीपेड सिस्टम के लिए विशेष स्मार्ट मीटर जरूरी होता है, जो डुअल कम्युनिकेशन (डिस्कनेक्ट-संरचना) और प्रीपेड डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम से जुड़ा होता है। पुराने एनालॉग या डिजिटल पोस्टपेड मीटर को सिर्फ री-प्रोग्रामिंग से प्रीपेड नहीं बनाया जा सकता। बिना उपभोक्ता की जानकारी और सहमति के किसी भी प्रकार का ’टैरिफ मोड’ परिवर्तन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 का उल्लंघन है।


उपभोक्ता रमेश श्रीवास्तव का पक्ष :

मैं मार्च से हैदराबाद में इलाज करा रहा हूं, घर में पुराना मीटर लगा है, कभी विभाग ने मीटर बदला नहीं, न कोई रसीद दी, न कोई तकनीकी कर्मी आया। फिर यह कहना कि उसी मीटर को प्रीपेड बना दिया गया है, क्या यह मजाक है?


विशेषज्ञों की रायः

वरिष्ठ ऊर्जा विश्लेषक ई.आर. मिश्रा के अनुसार, “प्रीपेड मीटरिंग केवल तभी लागू हो सकती है जब उपभोक्ता को पूर्व में दी गई हो। पुराने मीटर को पोर्टल पर प्रीपेड दिखाना उपभोक्ता के साथ धोखा है।“


मामला क्या है?

रमेश श्रीवास्तव के नाम पर वाराणसी के मड़ौली क्षेत्र में स्थित अर्बन कनेक्शन संख्या 847192100 से बिजली ली जा रही है। उनका मीटर अब तक पुराना एनालॉग/डिजिटल पोस्टपेड मीटर है, न कि स्मार्ट मीटर। लेकिन 5 जुलाई को जब उन्हें रु 6326 का बिल एसएमएस से मिला, तो वह सामान्य बिल जैसा लगा। परंतु 12 जुलाई को अचानक एक संदेश आया कि आपका कनेक्शन अब “प्रीपेड“ कर दिया गया है, तत्काल रु 4376/- का रिचार्ज करें अन्यथा बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।


स्मार्ट मीटर लगे बिना प्रीपेड सिस्टम कैसे लागू हो गया?

उपभोक्ता रमेश श्रीवास्तव का कहना है कि अब तक न तो किसी तकनीकी कर्मी ने मीटर बदला, न कोई सूचना दी, न कोई रसीद या रिकॉर्ड दिखाया गया। फिर यह कैसे संभव हुआ कि उनका कनेक्शन विभागीय पोर्टल पर प्रीपेड दिखाया जाने लगा?  


पोर्टल पर न बिल जमा हो रहा, न शिकायत का समाधान

रमेश श्रीवास्तव ने मार्च महीने से ही यह देखा कि बिल लगातार ज्यादा आ रहा है, जबकि घर पर कोई अतिरिक्त खपत नहीं हुई है। उन्होंने इसकी ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन हर बार जवाब आयाः समस्या का समाधान कर दिया गया है। बिल पेमेंट पोर्टल पर अब कोई बकाया जमा नहीं हो पा रहा, केवल “एडवांस रिचार्ज“ का विकल्प दिखता है। यानी उपभोक्ता को एकतरफा तौर पर प्रीपेड सिस्टम में धकेल दिया गया है।


उपभोक्ता का दर्द  

रमेश श्रीवास्तव कहते हैं मैं हैदराबाद में इलाज करा रहा हूं, घर में परिजन हैं, मीटर वही पुराना है। लेकिन विभाग बिना किसी संवाद के कहता है ’प्रीपेड हो गया, रिचार्ज करो नहीं तो बिजली जाएगी।’ क्या ये नया सिस्टम है या उत्पीड़न? मैं उपभोक्ता हूं या बंधक?”

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