पार्टी में शामिल हुए प्रमुख नामों में शामिल हैं:
नितेश नरोटे, लक्ष्मण वेलादी, स्वामी गोदारी, चंद्रया दुर्गम, सत्यम पिडगु, महेश आडे, दीपक शंकरलाल जायसवाल, निलेश शामरावजी मानकर, राहुल अंकुश देवतले, श्रीमती नूतन रेवतकर, क्रिश्तय्या रंगय्या पोरतेट, शेख फरजाना इफ्तिखार, शेख अब्दुल रऊफ अब्दुल गफ्फार, शैलेन्द्र पटवर्धन, विलास सिडाम, नवरास शेख, ज्योति ताई सडमेक, सुरीह नाना जंगा, प्रमोद वैद्य, अनिल केरामी, वैशाली ताट पल्लीवार, बौद्ध कुमार लोनारे और नामदेव उडान। इस अवसर पर एक वरिष्ठ नवप्रवेशी ने कहा, “हमने धर्मरावबाबा आत्रम जी को जनता की सेवा में निस्वार्थ रूप से कार्य करते हुए देखा है। उन्होंने न केवल गढ़चिरौली में विकास की रोशनी पहुंचाई, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी दिलाया। अजित दादा पवार और महायुति सरकार की नीतियों से प्रेरित होकर हमने एनसीपी से जुड़ने का निर्णय लिया है।” नए सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि वे एनसीपी की विचारधारा को गढ़चिरौली और चंद्रपुर के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे और आने वाले हर चुनाव में पार्टी का झंडा विजयी रूप से फहराने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम में धर्मरावबाबा आत्रम के संघर्षों और जनसेवा की चर्चा भी विशेष रूप से हुई। वे ऐसे नेता हैं, जिन्हें नक्सलियों ने 17 दिनों तक बंधक बनाकर रखा था। इस अनुभव से उबरने के बाद उन्होंने जनकल्याण के मार्ग को अपनाया और गढ़चिरौली में लगभग 5000 परिवारों को माइनिंग सेक्टर में रोजगार दिलाया। आज भी वे निरंतर अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। मुंबई में आयोजित यह पक्ष प्रवेश समारोह एनसीपी (अजित पवार गुट) की विदर्भ क्षेत्र में बढ़ती राजनीतिक पकड़, आदिवासी समुदाय में बढ़ते विश्वास, और धर्मरावबाबा आत्रम जैसे जनप्रिय नेता के प्रभाव का स्पष्ट प्रमाण है। आगामी चुनावों में यह पक्ष प्रवेश एनसीपी के लिए निर्णायक सिद्ध हो सकता है।

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