- जिन फॉर्मों का संकलन नहीं हो पाया, उनकी सूची राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा रही है
वे मतदाता जिनके बारे में अनुमान है कि वे या तो मृत हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं या जिनके ईएफ बार-बार बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के दौरे के बावजूद अब तक वापस नहीं मिले हैं-उनकी सूची अब राजनीतिक दलों के ज़िला अध्यक्षों और उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) के साथ साझा की जा रही है। यह सूची साझा करने का उद्देश्य यह है कि 25 जुलाई 2025 से पहले प्रत्येक ऐसे मतदाता की वास्तविक स्थिति की पुष्टि की जा सके। एसआईआर आदेश के अनुसार, ये सभी बीएलए प्रतिदिन अधिकतम 50 प्रमाणित फॉर्म जमा कर सकते हैं।यह कदम भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की इस प्रतिबद्धता के अनुरूप है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। दावों और आपत्तियों का निपटारा 25 सितंबर 2025 तक कर लिया जाएगा, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची को 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची की मुद्रित और डिजिटल प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी और इसे भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा। यदि किसी मतदाता को ईआरओ के निर्णय से कोई आपत्ति या शिकायत हो, तो वह 1950 के आरपी एक्ट की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।

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