- पीएम-किसान योजना की 20वीं किश्त जारी, आईसीएआर-आरसीईआर, पटना में वैज्ञानिक-किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित
इस कार्यक्रम के अंतर्गत माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एक वर्चुअल सत्र को संबोधित किया। उन्होंने खरीफ मौसम की फसलों से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातों जैसे समय पर बुआई, कीट प्रबंधन, और जल के कुशल उपयोग पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने विकसित किसान संवाद अभियान (वीकेएसए) के तहत किसानों द्वारा साझा किए गए सुझावों और फीडबैक की समीक्षा की और आश्वासन दिया कि इन बिंदुओं को भविष्य की नीतियों और सहायता योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा। इस राष्ट्रीय पहल के अनुरूप, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – पूर्वी क्षेत्र परिसर (आईसीएआर- पटना द्वारा एक वैज्ञानिक-किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों, वैज्ञानिकों और गणमान्य अतिथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. संजीव चौरसिया, विधायक, दीघा ने किसानों को सशक्त बनाने हेतु विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की और पूर्वी भारत के कृषि क्षेत्र के विकास में आईसीएआर–आरसीईआर के योगदान की प्रशंसा की। इस अवसर पर विभिन्न प्रभागों के प्रमुख और संस्थान के वैज्ञानिकगण भी उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम में कुल 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 70 से अधिक प्रगतिशील किसान शामिल थे, जिनमें से 60 किसान अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से संबंधित थे।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक (प्रभारी) डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने कहा “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के राष्ट्रीय स्तर पर जारी होने के साथ आयोजित यह वैज्ञानिक-किसान संवाद कार्यक्रम हमारे संस्थान की किसानों की सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऐसे मंच वैज्ञानिक ज्ञान को व्यावहारिक समाधानों में बदलने का कार्य करते हैं, जिससे क्षेत्रीय किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है।” कार्यक्रम के दौरान चावल, मक्का और अरहर की वैज्ञानिक खेती पर विशेषज्ञों द्वारा विचार-विमर्श किया गया। इन तकनीकों का उद्देश्य उत्पादन एवं सतत कृषि को बढ़ावा देना है। इसी प्रकार के कार्यक्रम संस्थान के रांची केंद्र तथा इसके कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर (बिहार) और रामगढ़ (झारखंड) में भी आयोजित किए गए। कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अभय कुमार, डॉ. पी.के. सुंदरम, डॉ. अनिर्बन मुखर्जी, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. ग़ौस अली सहित कई वैज्ञानिकों एवं सहयोगी सदस्यों के संयुक्त प्रयासों से संपन्न हुआ।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें