- राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद हेतु एनडीए के प्रत्याशी घोषित
- अवकाशप्राप्त जज सुदर्शन रेड्डी हैं विपक्ष के साझा प्रत्याशी
आंध्र प्रदेश के अन्य राजनीतिक दल, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से भी सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का संकेत मिला है, हलांकि अंतिम निर्णय आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वाईएसआर के सर्वेसर्वा जगनमोहन रेड्डी के विवेक पर छोड़ दिया गया है परंतु राजनीतिक जानकार कहते हैं कि यह महज औपचारिकता होगी, अंतिम में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में ही वाईएसआर का भी झुकाव रहेगा। उसी तरह तेलंगाना में, पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस पार्टी भी सत्ता पक्ष के प्रत्याशी राधाकृष्णन के पक्ष में ही खड़ी जान पड़ती है , भले ही विपक्षी उम्मीदवार एक तेलुगु भाषी है। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रह चुके हैं , हलांकि 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान विरोध के स्वर भी गूंज चुके हैं, फिर भी चंद्रशेखर राव का समर्थन राधाकृष्णन को ही नहीं मिलने के कोई कारण नहीं दिखते। इधर पार्टी लाइन पर तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन देने से भी बीआरएस द्वारा एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने की संभावना को बल मिलता है। उधर इंडिया गठबंधन की तरफ से अवकाश प्राप्त न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी, उप-राष्ट्रपति पद हेतु विपक्ष के उम्मीदवार हैं,जिन्हें मुख्यतः दक्षिण भारतीय प्रमुख राज्य तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी का भरपूर समर्थन मिला है I स्टालिन की द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम(डीएमके) पार्टी ने उप-राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर एक आरएसएस प्रचारक को प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध करते हुए पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को इंडिया गठबंधन का अपना साझा प्रत्याशी बनाया है I संसद में पार्टी की नेता, कनीमोझी ने घोषणा की कि यह एक "वैचारिक लड़ाई" है और उनकी पार्टी की तरफ से संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए भी जरूरी कदम है । पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि "मैं 60 प्रतिशत भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ और एनडीए के सभी गैर-भाजपा दलों को भी मेरा समर्थन करना चाहिए।" यहां तक कि भाजपा सांसदों और विधायकों से भी उन्हें समर्थन देने की अपील की है।
जहाँ तक संख्या बल की बात है तो वह स्पष्ट रूप से केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में दिख रही है I इस समय लोकसभा और राज्यसभा में कुल 782 ( लोकसभा -543, राज्यसभा -233, मनोनीत -12 )सांसद हैं। जीतने के लिए, उम्मीदवार को इस संख्या के आधे से अधिक यानि 392 वोट कम से कम चाहिए, जो एनडीए के पास दोनों सदनों में मिलाकर जीत के वोट से काफी अधिक हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में लोकसभा में 293 सांसद और राज्यसभा में 130 सांसद हैं, मतलब कुल 423 सांसद एनडीए गठबंधन के पास हैं, जबकि शेष कुल वोट जोड़ लें, तब भी इंडिया गठबंधन के पास 365 ही वोट सामने नजर आते हैं, जो सीपी राधाकृष्णन को एक स्पष्ट और निर्णायक बढ़त की ओर इंगित करते हुए, उन्हें देश के अगले उप-राष्ट्रपति पद पर सुशोभित करने के लिए काफी जान पड़ते हैं। 9 सितंबर 2025 को होने वाले उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव और उसके अंतिम परिणाम में अभी तीन सप्ताह बाकी हैं लेकिन इन आंकड़ों को देखते हुए एनडीए प्रत्याशी राधाकृष्णन की नए उप-राष्ट्रपति पद पर ताजपोशी पक्की मानी जा सकती है।
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