वाराणसी : निजीकरण से 76,500 कर्मियों का भविष्य अंधेरे में, करेंगे निर्णायक संघर्ष - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 27 अगस्त 2025

वाराणसी : निजीकरण से 76,500 कर्मियों का भविष्य अंधेरे में, करेंगे निर्णायक संघर्ष

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वाराणसी (सुरेश गांधी). पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को आंदोलन के 267वें दिन भी बनारस के तमाम विद्युत कार्यालयों पर कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने ऐलान किया कि निजीकरण का फैसला वापस होने तक यह आंदोलन प्रदेशभर में जारी रहेगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले हुए इस आंदोलन में वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण की नीति लागू हुई तो करीब 76,500 बिजलीकर्मियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी। इसमें पूर्वांचल निगम के 17,500, दक्षिणांचल के 10,500 और दोनों निगमों के लगभग 50 हजार संविदा कर्मी शामिल हैं।


समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा दिए गए तीन विकल्पकृनिजी कंपनी की नौकरी स्वीकार करना, अन्य निगमों में स्थानांतरण या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्तिकृन्यायसंगत नहीं हैं। जिन कर्मचारियों ने निजी कंपनियों को छोड़कर सरकारी नौकरी चुनी थी, उन्हें फिर से निजी कंपनियों के हवाले करना सरासर अन्याय है। कर्मचारियों ने दिल्ली और चंडीगढ़ का हवाला देते हुए कहा कि वहां निजीकरण के बाद बड़े पैमाने पर कर्मचारी समय से पहले सेवा निवृत्त होने को मजबूर हुए। दिल्ली में 2002 में निजीकरण के एक साल के भीतर 45 फीसदी कर्मचारी घर लौट गए थे। इसी साल फरवरी में चंडीगढ़ में निजीकरण होते ही 40 फीसदी कर्मी सेवा निवृत्ति ले चुके हैं। ऐसे में पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगम के कर्मचारियों का भविष्य और भी असुरक्षित हो जाएगा, क्योंकि अब पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। सभा में कहा गया कि आंदोलन के साथ-साथ उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान भी सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जा रहा है। समिति का नारा गूंजादृ “सेवा करेंगे और हक भी लेंगे।” सभा को अंकुर पांडेय, रोहित कुमार, पंकज यादव, यमुना सिंह, नन्हे कुमार, सरोज भूषण, रमेश कुमार, पी.एन. चक्रधारी, विशाल कुमार, अरुण कुमार, मनोज यादव, बृजेश यादव, सन्नी कुमार, दयाशंकर सिंह, अभिषेक सिंह, अरुण सिंह, धनपाल सिंह व विकास पटेल आदि ने संबोधित किया।

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