- गंगा के उफान से डगमगाई काशी, घाटों पर टूटा श्रद्धा का संतुलन
- चिता से पहले अब घंटो इंतजार, बस्तियों में पानी, डूबते मंदिर और बेघर होते लोग
प्रधानमंत्री ने लिया वाराणसी की स्थिति का फीडबैक
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से बात कर शहर की बाढ़ स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने राहत शिविरों की व्यवस्थाओं, खाद्य सामग्री की आपूर्ति, चिकित्सा सेवाओं और सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था की समीक्षा की। पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता तत्काल और प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराई जाए।15 गांव और 10 मोहल्ले बाढ़ की चपेट में
गंगा के बढ़ते उफान और वरुणा में हो रहे पलट प्रवाह से शहर के दीनदयालपुर, पैगंबरपुर, पुलकोहना, पुराना पुल, रूप्पनपुर और सलारपुर समेत कई बस्तियों की स्थिति भयावह होती जा रही है। अब तक 15 गांव और वाराणसी शहर के करीब 10 मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 436 परिवारों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।बाढ़ नियंत्रण के लिए युद्धस्तर पर कार्य
स्थानीय प्रशासन की ओर से नगर निगम, जलकल विभाग, एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अलर्ट पर रखा गया है। घाटों पर बैरिकेडिंग की जा रही है और जलभराव वाले क्षेत्रों में मोटरबोट, नावें और रेस्क्यू टीमें तैनात कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शिविरों में डॉक्टरों और दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
जल आयोग का अनुमान : इस वर्ष विकराल रूप ले सकती है बाढ़
केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि इस वर्ष गंगा का रौद्र रूप पहले से कहीं अधिक भयानक हो सकता है। 73.901 मीटर का उच्चतम बाढ़ स्तर (भ्थ्स्) वर्ष 1978 में दर्ज किया गया था, और इस वर्ष की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए हालात उसी दिशा की ओर संकेत कर रहे हैं।



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