- सरकार हर परिस्थिति में कारीगरों और निर्यातकों के साथ खड़ी है : गिरीराज सिंह
कालीन उद्योग की पुकार
सीईपीसी अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने कहा, “अमेरिकी टैरिफ वृद्धि हमारे उद्योग की सांसें रोक रही है।” उन्होंने लंबित निर्यात संवर्धन मिशन योजना के शीघ्र क्रियान्वयन और ब्याज अनुदान योजना की बहाली की मांग रखी। साथ ही रूस व चीन से व्यापार समझौते कर नए रास्ते खोलने की अपील की। कैप्टन विजेंद्र जगलान ने छोटे निर्यातकों की व्यथा उजागर करते हुए कहा कि खरीदार इंतजार नहीं करेंगे, सरकार को तुरंत राहत देनी होगी। पीयूष बरनवाल ने हस्तनिर्मित और मशीन-निर्मित कालीनों को अलग पहचान देने की बात कही। उन्होंने भदोही-मिर्जापुर की 1,200 एमएसएमई इकाइयों को भूजल कूप पंजीकरण में आ रही दिक्कतों की ओर भी ध्यान दिलाया। संजय गुप्ता ने चेताया कि यदि स्थिति नहीं बदली तो 13 लाख बुनकर रोज़गार छोड़ देंगे। “अमेरिका में हर चौथा कालीन भदोही का होता है, यह केवल उद्योग नहीं, हमारी परंपरा है,” वसीम अहमद ने सुझाव दिया कि सरकारी दफ्तरों और सम्मेलन कक्षों में भारतीय कालीनों का अनिवार्य उपयोग किया जाए, ताकि कारीगरों का मनोबल बढ़े।

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