- बंद का कहीं कोई असर नहीं है, इतनी बड़ी संख्या में लोग यहां आए हैं, जनता ने तय कर लिया है कि नवंबर में अब लालू-नीतीश और मोदी से छुटकारा चाहिए
उन्होंने कहा कि बिहार बंद के दौरान कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। गाड़ियां रोकी गई हैं। यही इन नेताओं का चरित्र है। इनकी नेतागीरी का यही तरीका है। लेकिन बिहार के लोगों को अब विकल्प मिल गया है। मोदी के डर से लालू और लालू के डर से मोदी को वोट देने जैसी कोई बात नहीं है। जनता इस बार बदलाव चाहती है। लालू-नीतीश और मोदी से छुटकारा चाहती है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों को लेकर भी प्रशांत किशोर ने उनपर तंज भरे अंदाज में हमले किए। तेजस्वी द्वारा सीएम नीतीश को नैतिक भ्रष्टाचार का पितामह बताए जाने पर पीके ने कहा कि तेजस्वी यादव जब भ्रष्टाचार और सुशासन की बात करते हैं, यह ऐसा ही है जैसे शेर शाकाहारी होने की बात कर रहा हो। यह लोग खुद भ्रष्टाचार के प्रतीक रहे हैं। आज भी इनका चरित्र नहीं बदला है। वापस सत्ता में आए, तब भी फिर से लूटमार और अपहरण-भ्रष्टाचार करेंगे। उन्होंने सीएम नीतीश के डीएनए को लेकर तेजस्वी द्वारा पीएम पर किए गए तंज पर कहा कि डेढ़ साल पहले तक तेजस्वी यादव को भी नीतीश कुमार में विकास पुरुष दिखता था। अब नीतीश कुमार अगर उनको अगर फिर से डिप्टी सीएम बना दें तो वो फिर उनके गुण गाने लगेंगे।

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