सीहोर : धूमधाम से मनाया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, झांकी सजाई, लगाए जयकारें - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 सितंबर 2025

सीहोर : धूमधाम से मनाया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, झांकी सजाई, लगाए जयकारें

  • ग्राम छतरपुर में जारी सात दिवसीय कथा में जगदगुरु पंडित अजय पुरोहित ने भगवान विष्णु के 24 अवतारों के बारे में विस्तृत रूप से बताया

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सीहोर। ग्राम छतरपुर में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन जगदगुरु पंडित अजय पुरोहित ने भगवान विष्णु के 24 अवतारों के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होनें परिक्षित और सुखदेव के बारें में बताते हुए कहा कि कलयुग आगमन के समय पांडव के वंशज परीक्षित को सुखदेव ने भागवत सुनाई थी। इसके बाद ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। यहां से मोक्ष की प्राप्ति के लिए भागवत सुनाने का प्रचलन शुरू हुआ। मंगलवार को भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों जैसे वामन, और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन किया और कहाकि जब धर्म की हानि होती है तो ईश्वर अवतार लेकर पृथ्वी को पापियों से मुक्त कराते हैं और धर्म की स्थापना करते हैं।

 

जगद गुरु ने कहाकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। अनेक संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। भगवान श्रीकृष्ण गोकुल में नित्य ही माखन चोरी लीला करते हैं। मां यशोदा के बार-बार समझाने पर भी श्रीकृष्ण नहीं मानते हैं तो मां यशोदा ने भगवान को रस्सी से बांधना चाहा पर भगवान को कौन बांध सकता है, लेकिन भगवान मां की दयनीय दशा को देखते हुए स्वयं बंध जाते हैं। इसलिए भगवान को न धन, पद व प्रतिष्ठा से नहीं बांध सकता। भगवान तो प्रेम से बंध जाते हैं।

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