सिर्फ गेंद से ही नहीं, बल्ले से भी वेललागे ने शानदार योगदान दिया.छह पारियों में 264 रन बनाकर वे टीम के सर्वोच्च रन-स्कोरर रहे.औसत 44.0 उनके धैर्य और परिपक्वता को दर्शाता है, ख़ासकर तब जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने संकटमोचक अर्धशतक लगाया और टीम को लक्ष्य तक पहुँचाया.यह प्रदर्शन साबित करता है कि 19 वर्षीय यह युवा केवल आंकड़ों का खिलाड़ी नहीं, बल्कि दबाव की परिस्थितियों में टीम की रीढ़ बन सकता है. लेकिन इन उपलब्धियों की चमक के बीच पिता की असामयिक मृत्यु का सदमा वेललागे को जीवन भर याद रहेगा.खेल का मैदान कई बार मुस्कानें देता है, तो कई बार गहरे घाव भी.ऐसे में यह घटना हमें याद दिलाती है कि क्रिकेट सिर्फ़ रन और विकेट की कहानी नहीं, बल्कि खिलाड़ियों और उनके परिवारों की भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है. आज जब श्रीलंका अपने नए सितारे को सलाम कर रहा है, तो उसके पिता सुरंगा वेललागे को हम सब मिलकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.उनकी स्मृति सदैव दुनीथ की सफलता के साथ जीवित रहेगी.
दुबई ,(आलोक कुमार).एशिया कप 2025 में श्रीलंका के उभरते हुए सितारे दुनीथ वेललागे की ज़िंदगी का वह पल, जो क्रिकेट के मैदान पर सामान्य-सा खेल क्षण था, अचानक ही एक गहरे व्यक्तिगत शोक में बदल गया.अफगानिस्तान के अनुभवी ऑलराउंडर मोहम्मद नबी ने जब उन्हें लगातार पाँच छक्के जड़े, उसी क्षण टीवी पर यह दृश्य देख रहे उनके पिता सुरंगा वेललागे को दिल का दौरा पड़ गया और उनका निधन हो गया.यह क्षति न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए भी एक गहरी पीड़ा का विषय है. दुनीथ के लिए यह टूर्नामेंट मिश्रित अनुभव लेकर आया.शुरुआती मैचों में उन्होंने स्कॉटलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार पाँच-पाँच विकेट लेकर सबको चौंका दिया. इसके बाद वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के खिलाफ तीन-तीन विकेट झटके और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए 1/29 का आंकड़ा दर्ज किया. उनकी गेंदबाज़ी ने श्रीलंका को कई मुश्किल हालात से उबारा और उन्हें टीम के आक्रमण का अगुआ बना दिया.

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