- हिंदू कालेज में पुस्तक लोकार्पण
कार्यक्रम में विशेष वक्ता रहीं दिल्ली एम्स की सहायक आचार्य डॉ. निशिता चावला ने मानसिक स्वास्थ्य बनाम मानसिक बीमारी विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मानसिक बीमारी में शीघ्र हस्तक्षेप से स्वास्थ्य लाभ में जल्दी सुधार होता है। प्रभावित व्यक्ति कलंक और जागरूकता की कमी के कारण उपचार नहीं करवाते हैं जबकि सही समय पर उपचार लेना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं चिंता, अवसाद और मानसिक समस्याओं के संदर्भ में पुरुषों की तुलना में दो तीन गुना अधिक ग्रस्त होती हैं। उनके मानसिक स्वास्थ को सबसे ज्यादा हार्मोनल उतार-चढ़ाव, घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और वित्तीय स्वतंत्रता की कमी जैसे कारक प्रभावित करते हैं। पारिवारिक देखभाल करने वाली भूमिकाएं और विवाह संबंधी अपेक्षाएं जैसे सामाजिक दबाव महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कमजोरियों को बढ़ाते हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ बने रहने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, दिनचर्या और सकारात्मक संबंध अत्यंत जरूरी हैं।
कार्यक्रम में अन्य वक्ता रहीं सिविल अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग की एएसएमओ डॉ. उपासना दहिया ने मानसिक स्वास्थ्य पर तनाव के प्रभाव एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि सामाजिक दबावों की वजह से लोगों में तनाव उत्पन्न हो रहा है। तनाव की वजह से नींद की समस्या, सिरदर्द, पाचन संबंधी समस्याएं, हृदय संबंधी विकार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इनसे मानसिक चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन,एकाग्रता में कठिनाई की समस्याएं गंभीर बनीं हुई हैं। मन को शांत करने के लिए ध्यान, गहरी साँस और अच्छी जीवन शैली,व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, दोस्तों व परिवार या पेशेवर परामर्शदाताओं के साथ खुला संवाद अत्यंत सहायक हो सकता है। मंच संचालन पायल और स्मृति ने किया। अंत में महिला विकास प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ.नीलम सिंह ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से ही समाज को जागरूक किया जा सकता है ।मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा सकते हैं। यह भी एक छोटा प्रयास था अंत में उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया।

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