- जिलाधिकारी ने घाटों का किया निरीक्षण, सफाई व प्रकाश व्यवस्था के दिए निर्देश
- गंगा महोत्सव और देव दीपावली की तैयारियों पर भी हुई विशेष समीक्षा
सफाई, सुरक्षा और सुविधा पर विशेष बल
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नगर निगम को घाटों से सिल्ट हटाने, नियमित सफाई अभियान चलाने और स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम, खोया-पाया केंद्र, बैरिकेडिंग, पर्याप्त रोशनी और वाहनों के लिए अलग पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि छठ पूजा स्थलों तक आने-जाने के रास्ते अवरोध-मुक्त रहें और आवश्यकता अनुसार संकेतक बोर्ड लगाए जाएं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
गंगा महोत्सव व देव दीपावली पर भी हुई चर्चा
जिलाधिकारी ने बताया कि छठ महापर्व के समापन के बाद सभी अधिकारी गंगा महोत्सव और देव दीपावली की तैयारियों में जुट जाएं। उन्होंने राजघाट क्षेत्र का निरीक्षण कर घाट की पेंटिंग, मरम्मत, समतलीकरण, नाव बोर्डिंग पॉइंट निर्माण और विशेष प्रकाश व्यवस्था करने के निर्देश दिए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच निर्माण, आगंतुकों के बैठने और दीये जलाने की व्यवस्था भी शीघ्र पूरी करने के आदेश दिए गए। डीएम ने संयुक्त निदेशक पर्यटन को गंगा महोत्सव और देव दीपावली की ब्रांडिंग अभियान तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार, सहायक निदेशक सूचना सुरेंद्र पाल, पर्यटन सूचनाधिकारी नितिन कुमार सहित नगर निगम और जल निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
आस्था और अनुशासन का अनूठा संगम
छठ पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह पूर्वांचल की जीवन संस्कृति का उत्सव है। यह पर्व सिखाता है कि शुद्धता, संयम और सामूहिकता ही समाज की असली ताकत है। जब पूरा जनसमुदाय घाटों की सफाई में, सजावट में और श्रद्धा की तैयारी में जुटता है, तब वह केवल पूजा नहीं करताकृप्रकृति, जल और सूर्य को धन्यवाद भी देता है। यही वह भाव है जो वाराणसी को सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि जीवंत सांस्कृतिक नगरी बनाता है।

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