- दीपिका पादुकोण: “मैं अपनी लड़ाइयाँ चुपचाप और गरिमा से लड़ती हूँ”
जब उनसे पूछा गया कि क्या सही बात के लिए खड़ा होना कभी महंगा साबित हुआ है, तो दीपिका ने बेहद ईमानदारी से कहा “ऐसा कई बार हुआ है। चाहे वो पेमेंट की बात हो या किसी अन्य मुद्दे की, मुझे हमेशा अपने तरीके से चीज़ों से निपटना पड़ा। मैं अपनी लड़ाइयाँ चुपचाप और गरिमा के साथ लड़ती हूँ। कभी-कभी ये बातें सार्वजनिक हो जाती हैं, जो मेरे स्वभाव का हिस्सा नहीं, लेकिन मैं हमेशा सादगी से अपने मकसद पर डटी रहती हूँ।” उनकी यह बात न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभव को बयां करती है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में समानता, सम्मान और न्याय को लेकर चल रही बहसों को भी दिशा देती है। आज भी दीपिका पादुकोण अपने हर कदम से यह साबित करती हैं कि असली शक्ति शोर मचाने में नहीं, बल्कि अपने काम, खामोशी और ईमानदारी से बदलाव लाने में होती है चाहे वो कैमरे के सामने हों या उसके पीछे।

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