वाराणसी : वाराणसी में इंडिगो की फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

वाराणसी : वाराणसी में इंडिगो की फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

  • फ्यूल टैंक में लीक से मची अफरा-तफरी, पायलट की सूझबूझ से बची 166 जिंदगियां

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वाराणसी (सुरेश गांधी). कोलकाता से श्रीनगर जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6इ-6961 को बुधवार को वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। विमान के फ्यूल टैंक में लीक की सूचना मिलते ही एटीसी को सतर्क किया गया। शाम 4 बजकर 10 मिनट पर विमान को सुरक्षित उतारा गया। विमान में सवार 166 यात्रियों और क्रू मेंबर्स को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। वाराणसी एयरपोर्ट के एटीसी को जैसे ही विमान में फ्यूल लीकेज की सूचना मिली, सभी एजेंसियां अलर्ट पर आ गईं। रनवे पर फायर टेंडर, एम्बुलेंस और सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया। पायलट ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए विमान को सुरक्षित लैंडिंग कराई। वाराणसी पुलिस ने कहा, “गोमती जोन से मिली सूचना के अनुसार इंडिगो फ्लाइट 6इ-6961 में तकनीकी दिक्कत की शिकायत के बाद आपात लैंडिंग कराई गई। सभी यात्री और क्रू सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं।” वाराणसी एयरपोर्ट प्रशासन, पुलिस और इंडिगो स्टाफ की समन्वित तत्परता ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। पायलट की सूझबूझ और ग्राउंड क्रू के त्वरित एक्शन से संभावित खतरा टल गया। यह घटना एक बार फिर विमानन सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाती है, क्या सभी मेंटेनेंस प्रोटोकॉल समय पर और मानक के अनुसार पूरे किए जा रहे हैं? फिरहाल, लैंडिंग के बाद यात्रियों को एराइवल एरिया में सुरक्षित बैठाया गया। एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों को भोजन-पानी और वैकल्पिक उड़ान की सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू की गयी. विमान को टेक्निकल बे एरिया में खड़ा कर मेंटेनेंस टीम ने जांच शुरू कर दी। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और हवाई अड्डे का सामान्य परिचालन बहाल कर दिया गया है। लगातार तकनीकी गड़बड़ियां यह संकेत देती हैं कि देश के वाणिज्यिक विमानों की सुरक्षा जांच प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है। यात्रियों की जान केवल पायलट की समझ पर नहीं, बल्कि सख्त तकनीकी निगरानी और मेंटेनेंस अनुशासन पर भी निर्भर है। इस घटना में सौभाग्य से सभी सुरक्षित हैं, लेकिन यह एक चेतावनी है कि आसमान में सुरक्षा की हर परत को और पुख्ता किया जाए।


इंडिगो का बयान : सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

इंडिगो एयरलाइंस की ओर से जारी बयान में कहा गया, वाराणसी एयरपोर्ट पर फ्लाइट 6इ-6961 की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। हमारे पायलटों ने सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया। यात्रियों और क्रू की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।


10 अक्टूबर को भी हुआ था तकनीकी फॉल्ट

इससे पहले 10 अक्टूबर को इंडिगो की फ्लाइट 6इ-7253 में उड़ान के दौरान फ्रंट ग्लास में दरार आने से हड़कंप मच गया था। वह विमान मदुरै से चेन्नई जा रहा था। रात 11ः12 बजे लैंडिंग के दौरान पायलट ने एटीसी को स्थिति की जानकारी दी और इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी। सभी 76 यात्री सुरक्षित उतारे गए और विमान को मरम्मत के लिए बे एरिया भेजा गया।


डीजीसीए जांच में जुटा, फ्यूल सिस्टम की हो रही जांच

घटना की रिपोर्ट डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेज दी गई है। तकनीकी विशेषज्ञों ने फ्यूल सिस्टम, पंप और सील वाल्व की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में फ्यूल टैंक के सील या पाइप जॉइंट से लीक की आशंका जताई जा रही है।


प्रशासन की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना

वाराणसी एयरपोर्ट प्रशासन, पुलिस और इंडिगो स्टाफ की संयुक्त सतर्कता से संभावित बड़ी दुर्घटना टल गई। एटीसी, ग्राउंड स्टाफ और पायलट के बीच सटीक समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया ने स्थिति को नियंत्रित रखा। फ्यूल लीक जैसे मामलों में मामूली चूक भी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकती थी।


हर सुरक्षित लैंडिंग के पीछे होती है एक सीख

पिछले कुछ महीनों में घरेलू उड़ानों के दौरान लगातार तकनीकी गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं, फ्यूल लीक, ग्लास क्रैक, या इंजन वाइब्रेशन जैसी घटनाएं। ये घटनाएं भले ही बिना जनहानि के समाप्त होती हैं, पर यह सवाल जरूर उठता है कि क्या देश की मेंटेनेंस व्यवस्था पर्याप्त है? भारत में प्रतिदिन औसतन 3,000 से अधिक घरेलू उड़ानें संचालित होती हैं। ऐसे में यदि तकनीकी परीक्षण और प्रिवेंटिव मेंटेनेंस की प्रक्रिया में जरा भी लापरवाही हुई, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। डीजीसीए को चाहिए कि ऐसे मामलों पर सिर्फ जांच न करे, बल्कि निवारक ऑडिट और निगरानी रिपोर्ट भी सार्वजनिक करे। वाराणसी की घटना में पायलट और ग्राउंड स्टाफ ने समय पर प्रतिक्रिया देकर 166 जिंदगियों को बचा लिया, लेकिन हर बार किस्मत इतनी मेहरबान हो, यह जरूरी नहीं। विमानन उद्योग को चाहिए कि यात्रियों के भरोसे को बनाए रखने के लिए ‘सेफ्टी फर्स्ट’ नीति को केवल नारा नहीं, बल्कि सख्त प्रोटोकॉल बनाए।

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