देहरादून : गढ़वाली फिल्म “घौर एक मंदिर” का शुभ मुहूर्त, केसरवाला गांव में हुई शूटिंग की शुरुआत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025

देहरादून : गढ़वाली फिल्म “घौर एक मंदिर” का शुभ मुहूर्त, केसरवाला गांव में हुई शूटिंग की शुरुआत

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देहरादून : उत्तराखंड की धरती पर आज क्षेत्रीय सिनेमा के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। दिनांक 30 अक्टूबर 2025 को देहरादून जनपद के केसरवाला गांव में गढ़वाली फिल्म “घौर एक मंदिर” का शुभ मुहूर्त बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर फिल्म का मुहूर्त जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज के करकमलों द्वारा किया गया। उनके आशीर्वाद के साथ फिल्म की शूटिंग का विधिवत शुभारंभ हुआ। फिल्म का निर्माण INTELLECT INFRACON LLP के बैनर तले किया जा रहा है। फिल्म के निर्माता संदीप जिंदल और विनोद कुमार गुप्ता, सह-निर्मात्री स्वीटी वालिया हैं। वहीं, कथा और निर्देशन की जिम्मेदारी प्रमोद शास्त्री ने संभाली है। फिल्म के संगीत निर्देशक अमित वी. कपूर, गीतकार जसपाल राणा और एस.के. चौहान, पटकथा व संवाद लेखन एस.के. चौहान द्वारा किया गया है। कोरियोग्राफी कानू मुखर्जी की है, जबकि कार्यकारी निर्माता राहुल पांडेय और स्थानीय निर्माता रमेश नौडियाल हैं। आर्ट डायरेक्शन राजेश नौगाई ने किया है।


फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में संजू सिलोडी, साक्षी काला, प्रशांत, चेतना मीरा, रमेश रावत, सुमन गौड़, अंशिका, रमेश नौडियाल, गिरिजा सेमवाल और साक्षी रावत जैसे कलाकार नजर आएंगे। इस अवसर पर अनेक विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे जिनमें राजीव थपलियाल (अध्यक्ष, ऑल इंडिया बॉडीबिल्डर संगठन), जयकृष्ण नौटियाल (पूर्व उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद उत्तराखंड), सुरेश भट्ट, निर्माता निर्देशक सुनील बडूनी, अशोक चौहान, देबू रावत, बी.एस. थापा, किसान मोर्चा राष्ट्रीय सचिव अनिल शर्मा और सूरत सिंह नेगी शामिल रहे। फिल्म के निर्माता विनोद गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें उत्तराखंड की कला, संस्कृति और परंपरा से गहरा लगाव है। उन्होंने बताया कि “घौर एक मंदिर” जैसी फिल्मों के माध्यम से वह उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले 6 दिसंबर 2025 को देहरादून में द्वितीय उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड का आयोजन किया जाएगा, जिससे उत्तराखंडी सिनेमा को राष्ट्रीय पहचान मिल सके। महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी ने फिल्म के लिए आशीर्वाद देते हुए कहा कि जिस तरह विनोद गुप्ता पिछले 20 वर्षों से भोजपुरी फिल्म अवार्ड का सफल आयोजन करते आ रहे हैं, उसी तरह उत्तराखंडी फिल्म उद्योग को भी उनके प्रयासों से नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने कहा कि “घौर एक मंदिर” जैसी फिल्में न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण प्रयास हैं।

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