- हिन्दू महाविद्यालय में हस्ताक्षर का लोकार्पण
इससे पहले समारोह में स्वागत उद्बोधन देते हुए विभाग के प्रभारी प्रो बिमलेंदु तीर्थंकर ने कहा कि हस्ताक्षर केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि हमारी सृजनशीलता और संवेदना का प्रतीक है। इसे हस्तलिखित रूप में बनाए रखना हमारी सांस्कृतिक विरासत और भाषाई विविधता की रक्षा के समान है। प्रो तीर्थंकर ने सुधा सिंह को पौधा भेंट कर और डॉ नीलम सिंह ने शॉल ओढ़ाकर अभिननंदन किया। हस्ताक्षर की संस्थापक सम्पादक प्रो रचना सिंह ने पत्रिका के दो दशकों की यात्रा के पड़ावों का उल्लेख किया और बताया कि युवा विद्यार्थियों के उत्साह व समर्पण से ही इसका प्रकाशन हो सका है। प्रो सिंह ने कहा कि हम मशीन का विरोध नहीं कर रहे लेकिन हमारा प्रयास है कि नयी पीढ़ी को बताया जाए कि मशीन मनुष्य का विकल्प नहीं हो सकती। लोकार्पण समारोह के अंत में हस्ताक्षर के वर्तमान सम्पादक डॉ पल्लव ने रचनाशीलता के महत्व पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मनुष्य रचनात्मकता से जुड़कर ही अपनी सीमाओं से ऊपर उठता है हस्ताक्षर पत्रिका इसी सृजनशीलता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सृजनशीलता के बिना मनुष्य कुंठित हो जाता है और फिर उसके व्यक्तित्व में अनेक अवरोध उत्पन्न हो जाते हैं। आयोजन में हस्ताक्षर के विद्यार्थी सम्पादक मंडल के सदस्यों शालू, स्नेहा शाह, पल्लव पुष्प, आर्यन प्रजापति ने प्रो सुधा सिंह को हस्ताक्षर की प्रति भेँट की। अतिथि परिचय दिया किल्ला ने दिया और संयोजन अमित कुमार मीना ने किया। इस अवसर पर हस्ताक्षर के अब तक प्रकाशित सभी अंकों की प्रदर्शनी भी लगाईं गई थी। आयोजन में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शोधार्थी और शिक्षक उपस्थित थे।

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