आस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी द्वारा 2018 से एशिया पॉवर इंडेक्स जारी करना आरंभ किया है। 2025 में एशिया पॉवर इंडेक्स का सातवां संस्करण जारी किया है। लोवी द्वारा 8 पेरामीटर्स के आधार पर अंक जारी किये जाते हैं। इसमें सैन्य क्षमता, रक्षा नेटवर्क, आर्थिक शक्ति, अन्य देशों के साथ आर्थिक संबंध, कूटनीतिक व सांस्कृतिक संबंध, लचीलापन, भविष्य के संसाधन आदि पेरामीटर्स के आधार पर 27 देशों का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि ऑपरेशन सिन्दुर ने भारत की सैन्य शक्ति और ताकत से दुनिया के देशों को झकझोर कर रख दिया है। सैन्य संसाधनों में आज भारत आत्मनिर्भर होता जा रहा है। इसके साथ ही जिस तरह से भारत की इकोनोमी तेजी से आगे बढ़ती जा रही है उससे दुनिया के देशों में भारत ने अलग ही स्थान अर्जित कर लिया है। भारत में देसी-विदेशी विदेशी निवेश का जिस तरह का माहौल बना है और जिस तेजी से विपरीत वैश्विक हालातों के बावजूद और यहां तक कि ट्रंप की टैरिफ नीति के बावजूद भारत की अर्थ व्ववस्था व विकास का स्तर लगातार बने रहना बड़ी उपलब्धि है।
ऑपरेशन सिन्दुर, आर्थिक क्षेत्र में बढ़ती साख, सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी भारत की ताकत बन गई है। भारत के साथ सबसे बड़ी ताकत स्थिर और कड़े निर्णय लेने में भी सक्षम सरकार होना एक सकारात्मक पक्ष है तो दूसरी और जेन जेड और उसके बाद की जैनरेशन की बड़ी भूमिका हो गई है। आज तकनीकी रुप से भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत युवाओं का देश हो गया है। सैन्य क्षमता, कूटनीतिक प्रभाव, इकोनोमिक क्षमता और प्रौद्योगिकी, डिजिटलाइजेशन, कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिलेशन आदि क्षेत्र में भारत ने पिछले साल की तुलना में अधिक अंक अर्जित किये हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत का वैश्विक स्तर पर आत्मविश्वास बढ़ा है और इसी का परिणाम है कि भारत आज आंख से आंख मिलाकर बात करने और आंतरिक व बाहरी निर्णय लेने में सक्षम और स्वतंत्र देश के रुप में उभरा है। हालांकि भारत के सामने अभी चुनौतियां भी बहुत है। सबसे बड़ी चुनौती जो विषय से अलग हटकर है वह है हमारे ही लोगों द्वारा विदेशी मीडिया व विदेशी धरती पर देश की छवि खराब करना है। होना यह चाहिए कि लाख राजनीतिक मतभेदों के बावजूद विदेश की धरती पर एक रहना और एक रहने का संदेश देना जरुरी हो जाता है। रक्षा नेटवर्क को और अधिक विस्तारित करने की चुनौती के साथ ही कूटनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। अमेरिका की ट्रंप की देशी विदेशी नीति के कारण अमेरिका के अंकों में गिरावट दर्ज की गई है। देखा जाए तो भारत की सैन्य क्षमता के साथ साथ इकोनोमी के क्षेत्र में क्षमता का तेजी से विकास हुआ है। हांलाकि रक्षा नेटवर्क के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना है। एशिया पॉवर इंडेक्स 2025 में भारत का मेजर पॉवर बनना और तीसरा स्थान बनाना भारत की दुनिया के देषों में बढ़ती साख का परिचायक है। निश्चित रुप से यह बड़ी उपलब्धि है पर अब भारत को इसे बनाये रखने और अन्य पेरामीटर्स के क्षेत्र में भी योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना है। चुनौतियां बहुत है पर चुनौतियों से पार पाते हुए ही कुछ अधिक अर्जित करना बड़ी बात हो जाती है। मेजर पॉवर से सुपर पॉवर बनना बड़ी चुनौती है पर सकारात्मक प्रयासों से सुपर पॉवर बनने के लक्ष्य के साथ ही भारत को आगे बढ़ना होगा।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

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