कैलिफ़ोर्निया: एक राज्य नहीं, एक मॉडल
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका कैलिफ़ोर्निया अब सिर्फ़ एक अमेरिकी राज्य नहीं, बल्कि एक ग्लोबल आइडिया है. साल 2025 में कैलिफ़ोर्निया ने कई मौक़ों पर दिन के कुछ हिस्सों में 100% क्लीन एनर्जी पर चलने का रिकॉर्ड बनाया. कोयला लगभग पूरी तरह खत्म हो चुका है. न्यूज़म ने हाल ही में जो रिफ़ॉर्म्स साइन किए हैं, उनमें बिजली सस्ती करना, नवीकरणीय परियोजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाना और 2045 तक राज्य के ‘कैप-एंड-इन्वेस्ट प्रोग्राम’ को बढ़ाना शामिल है. बेलेम में उन्होंने याद दिलाया कि कैलिफ़ोर्निया सिर्फ़ घरेलू मोर्चे पर नहीं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी साझेदारी बढ़ा रहा है. ब्राज़ील की मेज़बानी में आयोजित इस COP30 सम्मेलन में उन्होंने बताया कि कैलिफ़ोर्निया अब 21 ब्राज़ीलियाई राज्यों के साथ क्लीन एनर्जी और पॉल्यूशन कंट्रोल पर काम करेगा. इसके अलावा, मेक्सिको और डेनमार्क के साथ भी सप्लाई चेन और इनोवेशन पर सहयोग बढ़ाया जा रहा है. एक ब्राज़ीलियाई एनर्जी एक्सपर्ट ने कहा, “अब सबने मान लिया है कि सब-नेशनल डिप्लोमेसी प्रतीक नहीं, शक्ति बन चुकी है. जहां वॉशिंगटन हिचक रहा है, वहां सैक्रामेंटो समझौते साइन कर रहा है.”
चीन पर वार और चेतावनी
जब बात चीन की आई, तो न्यूज़म का लहजा बदल गया. उन्होंने कहा, “चीन हमारा सबसे बड़ा प्रतियोगी है. ये सिर्फ़ इलेक्ट्रिक पावर की बात नहीं है, ये इकोनॉमिक पॉवर की बात है. अमेरिका को अब जागना होगा.” उन्होंने अमेरिकी ऑटो कंपनियों को चेताया कि अगर वे अब भी सुस्ती दिखाएंगी, तो चीन इलेक्ट्रिक वाहनों की रेस में बहुत आगे निकल जाएगा. न्यूज़म बोले, “हम कैलिफ़ोर्निया में ये रेस नहीं छोड़ेंगे. हम इस बाज़ार में मुकाबला करेंगे.” फिर उन्होंने एक सीधी चोट की, “अमेरिका के राष्ट्रपति की सबसे बड़ी नाकामी यही है कि वे यह नहीं समझ पाए कि आज शी जिनपिंग कितने खुश होंगे यह देखकर कि अमेरिका COP30 में कहीं नहीं दिख रहा.” उनकी यह टिप्पणी सिर्फ़ ग़ुस्सा नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक बयान था. न्यूज़म यह बताना चाहते थे कि जलवायु पर ग़ैरमौजूदगी भी एक पॉलिटिकल पोज़िशन है और चीन की मौजूदगी अब सिर्फ़ पर्यावरण नहीं, बल्कि आर्थिक वर्चस्व का संकेत है.
विरोधाभास की राजनीति
हालांकि न्यूज़म का यह ग्लोबल आत्मविश्वास घर लौटते ही सवालों से टकराता है. कई पर्यावरणविदों ने उन्हें तेल ड्रिलिंग परमिट बढ़ाने और कुछ प्रदूषणकारी परियोजनाओं को तेज़ी से मंज़ूरी देने के लिए आलोचना की है. कैलिफ़ोर्निया का यह दोहरा चेहरा नया नहीं है. जैसा कि एक एनालिस्ट ने कहा, “कैलिफ़ोर्निया हमेशा उम्मीद और हकीकत के बीच संतुलन साधता आया है. न्यूज़म भी वही कर रहे हैं. सवाल बस इतना है कि क्या उनका ग्लोबल विज़न स्थानीय सियासत से बच पाएगा.”
जब अमेरिका ग़ैरहाज़िर हो, तो कैलिफ़ोर्निया ही नेतृत्व करता है
एक पत्रकार ने पूछा कि क्या आने वाला कोई डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति फिर से पेरिस समझौते में लौटेगा? न्यूज़म ने मुस्कुराते हुए कहा, “बिलकुल, बिना किसी हिचकिचाहट के.” उनकी यह बात तालियों में डूब गई. क्योंकि बेलेम में सबको यह एहसास हो रहा था कि भले ही अमेरिका ग़ैरहाज़िर है, मगर उसका एक हिस्सा अब भी मौजूद है, और वो हिस्सा कैलिफ़ोर्निया है. न्यूज़म के शब्दों में एक चुनौती भी थी और एक प्रतीक भी. वो कह रहे थे कि जलवायु नेतृत्व अब व्हाइट हाउस की मेज़ तक सीमित नहीं है. कभी-कभी बदलाव की शुरुआत पश्चिमी तट से होती है, जहां सूरज थोड़ा जल्दी उगता है.

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