पटना : संवेदनशील-अतिसंवेदनशील बूथों के चयन में बरता जा रहा भेदभाव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 4 नवंबर 2025

पटना : संवेदनशील-अतिसंवेदनशील बूथों के चयन में बरता जा रहा भेदभाव

  • दलितों-गरीबों के बूथों को बेवजह घोषित किया जा रहा संवेदनशील, चुनाव आयोग संज्ञान ले
  • भोरे में जदयू प्रत्याशी के दबाव में माले कार्यालय पर छापा मारने की कोशिश

cpi-ml-kunal
पटना 4 नवंबर (रजनीश के झा)। माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि संवदेनशील-अतिसंवेदनशील बूथों के चयन में भेदभाव बरता जा रहा है. तरारी विधानसभा में हमने चुनाव पर्यवेक्षक को 47 बूथों की लिस्ट दी थी और उसे अतिसंवेदनशील घोषित करने की मांग की थी, लेकिन पर्यवेक्षक ने उलटा ही काम किया. प्राप्त सूचना के अनुसार इस विधानसभा में 155 बूथों को अतिसंवेदनशील/संवेदनशील सूची में रखा गया है. हमारी मांग के विपरीत दलित-गरीब-कमजोर वर्ग के मतदाताओं के कुल 149 बूथों को इस सूची में डाल दिया गया है. जबकि जिन बूथों को इस दायरे में लाना था, उन्हें सामान्य घोषित कर दिया गया. इन सभी 149 बूथों पर पिछले दिनों मतदान के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं ररहा है, फिर भी उन्हें इस सूची में डाल दिया गया है. आखिर ये किस आधार पर किया जा रहा है. हमें पर्यवेक्षक महोदय की ओर से कोई भी संतोषजनक उतर नहीं मिला.


हम बिहार चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि वह अपने स्तर से संज्ञान लेते हुए इस विसंगति को तत्काल ठीक करे ताकि दलित-गरीब व कमजोर समुदाय के मतदाता निर्भीक होकर मतदान कर सकें. चुनाव आयोग को इसकी गारंटी करनी होगी. यह प्रतीत होता है कि यह सबकुछ तरारी से भाजपा प्रत्याशी के इशारे पर किया जा रहा है. दूसरी ओर, भोरे में जदयू प्रत्याशी के दवाब में प्रशासन हमारे कार्यालयों पर बेवजह छापा मारने और हमारे प्रचार अभियान को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे ही चुनाव आयोग की विश्वसनीयता व निष्पक्षता पर सवाल खड़े नहीं हो रहे. हम मांग करते हैं कि ऐसी कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाई जाए और निष्पक्ष प्रचार व मतदान की गारंटी की जाए.

कोई टिप्पणी नहीं: