लखनऊ : अल्पसंख्यक शिक्षा को मिली नई दिशा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 3 दिसंबर 2025

लखनऊ : अल्पसंख्यक शिक्षा को मिली नई दिशा

  • उप्र सरकार और एनसीएमईआई ने समावेशी राष्ट्र-निर्माण के लिए बढ़ाया सहयोग
  • जनवरी में “विकसित भारत में अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की भूमिका” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित होगी

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नई दिल्ली/लखनऊ, 2 दिसंबर, उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री दानिश अहमद अंसारी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई/NCMEI) का एक महत्वपूर्ण दौरा किया। आयोग के कार्यकारी चेयरमैन प्रोफेसर (डॉ.) शाहिद अख्तर के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक-संचालित शैक्षिक संस्थानों की चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित एक नए सहयोगी ढांचे की आधारशिला रखी। बैठक को “अत्यंत उत्पादक और उत्साहवर्धक” बताते हुए एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि बातचीत का फोकस अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों के उत्थान, विकास और राष्ट्र-निर्माण में उनकी व्यापक भूमिका पर रहा। उत्तर प्रदेश में बड़ी अल्पसंख्यक आबादी को देखते हुए यह संवाद शैक्षिक नीति, सामाजिक सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


वार्षिक रिपोर्ट और कानूनी ढांचे पर विस्तार से चर्चा

बैठक के दौरान आयोग की वार्षिक रिपोर्ट, एनसीएमईआई अधिनियम 2004 तथा अल्पसंख्यक शैक्षिक अधिकारों से जुड़े विधिक प्रावधानों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। दोनों पक्षों ने निकट भविष्य में एक संयुक्त बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें अल्पसंख्यक संस्थानों के प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी एक मंच पर आकर परिचालन और नीतिगत बाधाओं का समाधान खोजेंगे। साथ ही, जनवरी  में “विकसित भारत में अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की भूमिका” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने की घोषणा की गई। यह आयोजन अल्पसंख्यक संस्थानों के योगदान को राष्ट्रीय विकास एजेंडे से सीधे जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


सौहार्दपूर्ण स्वागत और साहित्यिक आदान–प्रदान

प्रोफेसर अख्तर ने मंत्री अंसारी का शॉल और साहित्यिक सामग्री भेंट कर स्वागत किया। इनमें आयोग की वार्षिक रिपोर्ट, एनसीएमईआई अधिनियम 2004 की प्रति, वक्फ अधिनियम पर उनकी पुस्तक तथा उनकी रचना “भारतीय मुसलमान: एकता का आधार हुब्बुल वतनी” शामिल थे, जिनसे चर्चाओं में देशभक्ति और एकता के संदेश को बल मिला। मंत्री अंसारी ने आयोग के कोर्टरूम, कार्यालय परिसर और सम्मेलन सुविधाओं का निरीक्षण किया तथा एनसीएमईआई की कार्यप्रणाली और न्यायनिर्णयन प्रक्रियाओं की सराहना की। इस अवसर पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मलिक भी उपस्थित रहे।


जनवरी की संगोष्ठी से पहले सक्रिय तैयारी

शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने लंबे समय से अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों के लिए धन, संबद्धता, तथा अल्पसंख्यक चरित्र की सुरक्षा जैसी चुनौतियों को रेखांकित किया है। आगामी संगोष्ठी से पहले राज्य सरकार और केंद्रीय वैधानिक आयोग का यह समन्वय इन चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान की दिशा में एक सक्रिय पहल माना जा रहा है।


साझेदारी से समावेशी शिक्षा की नई राह

एनसीएमईआई, जिसे संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है, अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान करने और संबंधित विवादों के निपटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उप्र सरकार और आयोग के बीच यह साझेदारी संकेत देती है कि भारत के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में शिक्षा को एकीकृत शक्ति के रूप में केंद्र में रखा जाएगा। जनवरी में प्रस्तावित संगोष्ठी पर सभी की निगाहें टिकी हैं, जो समावेशी शिक्षा पर ठोस परिणामों और दीर्घकालिक नीति-निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

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