मधुबनी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रारंभिक वर्ग मधुबनी में आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 दिसंबर 2025

मधुबनी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रारंभिक वर्ग मधुबनी में आयोजित

  • विश्व शांति और समृद्धि के लिए समरस और संगठित हिंदू समाज का निर्माण के उद्देश्य के साथ वर्ग आयोजित 

Rss-madhubani
मधुबनी (राजीव कुमार झा)। जिले के संध कार्यालय में सैकड़ों स्वयं सेवको का तीन दिवसीय प्रारंभिक अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया है। वर्ग के माध्यम से स्वयं सेवको का शारीरिक, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को लेकर संस्कारित किया जा रहा है। जिस से लोगों में स्वस्थ शारीरिक,मानसिक रूप से स्वस्थ बनाया जा सके। वर्ग में भाग ले रहे स्वंय सेवको को संबोधित करते हुए संध पदाधिकारीयों ने कहा हिंदू समाज का उद्देश्य और यात्रा अनंत काल से ही हिंदू समाज एक प्रदीर्घ और अविस्मरणीय यात्रा में साधनारत् रहा है, जिसका उद्देश्य मानत एकता और विश्वका है। जस्वी मातृशक्ति सहित संतों, धर्माचार्यों तथा महापुरुषों के आशीर्वाद कर्तृल्या को कारण हसादा राष्ट्र कई प्रकार के श्रीतिर आगे रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लक्ष्य, प्रारंभिक काल और यात्राकाल के प्राह में राष्ट्र जीवन के अनेक दोषों को दूर कर एक संगतिल चारित्या संपन्न और सामान राष्ट्र के रूप में भारत को परम् वैभव तक ले जाने हेतु परम् पूजनीयर बलराम हेडगेवार में सन् 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघका कार्य प्रारंभ किया। संघ कार्य का बीजारोपण करते हुए डॉक्टर हेडगेवार ने दैनिक शाखा के रुप में निर्माण की एक अनूठी कार्यपद्धति विकसित की, जो हमारी सनातन परपराओं व मुल्यों के परिप्रेत्य में राष्ट्र निर्माण का निःस्वार्थ तप बन गया। के जीवनकाल में ही इस कार्य कर एक राष्ट्रव्यापी स्वरूप विकसित हो गया। द्वितीय सरसंघचालक पूजनीय श्री जी माय गोलकर) के दूवर्शी नेतृत्व में राष्ट्रीय जीवन के विविध क्षेत्रों में शाश्वत वितम के प्रकाश में काल सुसमत युगानुकूल रचनाओं के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। समाज का विश्वास एवं स्नेह सौ वर्षों की इस यात्रा में सपने दैनिक शाखा द्वारा अर्जित संस्कारों से समाज का अटूट विश्वास और स्नेह प्राप्त किया। इसमें ससेवकों ने प्रेम और आरनीयता के बल पर मान-अपमान और राम-द्वेष से ऊपर कर सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया। हमारा कर्तव्य संघ कार्यर्थ की शताब्दी वर्ष के अवसर पर हमारा कर्तव्य है कि पूरा और समाज की सज्जनशक्ति जिनका आर्शीवाद और सहयोग हर परिस्थिति में हमारा संबल बनाएकाले स्याकार्यकर्ता और मौन साधना में रत स्वयंसेवक परिवारों का स्मरण करें।


भारत का चिंतन एवं परंपरा अपनी प्राचीन सरकृति और समृद्ध परपराओं के चलते सौहार्दपूर्ण विश्व का निर्माण करने के लिए मारत के पास अनुभव जनित ज्ञान उपका है। हमारा चित विकारी और आत्मघाती प्रवृत्तियों से मनुष्य को सुरक्षित रखते हुए बराचर जगत् में एक की भावना तथा शाति सुनिश्चित करता है। वैश्विक दायित्व पूर्ति के लिए समाज की तैयारी संघ का यह मानना है कि वर्ग के अधिध्वान पर आत्मविश्वास से परिपूर्ण संगठित सामूहिक जीवन के आधार पर ही हिंदू समाज अपने स्वामित्य निर्वाह प्रभावी रूप से कर सकेगा। अतः हमारा कर्त है कि सभी प्रकार के भेदों को मकारने माला समरसता युक्त आवरण, पर्यावरणपूरक जीवनशैली पर आधारित मूल्याधिष्ठित परिचार, स्व-बोध से ओत-प्रोत और नागरिक कार्यों के लिए प्रतिबद्ध समाज का विच खड़ा करने के लिए हम सब संकल्प करते है। हम इसके आधार पर समाज को सब प्रश्नी का समाधान, चुनौतियों का उत्तर देते हुए भौतिक समृद्धि एवं आध्यामिकता से परिपूर्ण समर्थ राष्ट्रीयन खड़ा कर सकेंगे। सज्जन शक्ति के नेतृत्व में उदाहरण प्रस्तुत करना अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सज्जनशक्ति के नेतृजा में सपूर्ण समाज को साथ लेकर विश्व के सम्मुख दातु करनेवाला समरस और समति भारत का निर्माण करने हेतु सकल्प करती है। वर्ग को प्रांतीय प्रचार प्रमुख अविनाश जी, जिला कार्यवाहक केशव जी, सह जिला कार्यवाहक रामनारायण जी, जिला व्यवस्था प्रमुख उमेश राजपाल, नगर कार्यवाह शाश्र्वत जी, जिला प्रचारक बसंत कुमार जी ने अपना संबोधन दिए और मार्गदर्शन दिया।

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