मुंबई (अनिल बेदाग) : कर्नाटक में कार्यरत सरस्वथी फाउंडेशन पिछले एक दशक से शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में गरीब एवं वंचित समुदायों के लिए सहारा बनकर उभरी है। इस संस्था की स्थापना 2012 में दिवंगत राजू पी. पुथरन ने की थी जिनकी सोच और नेतृत्व ने एक छोटे प्रयास को एक प्रमुख सामाजिक संस्था का रूप दे दिया और आज यह संस्था श्रीमती सरस्वथी राजू पुथरन की देखरेख में चल रही है। सरस्वथी राजू पुथरन कहती हैं कि फाउंडेशन अपनी सक्रिय और निस्वार्थ टीम के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण का मजबूत स्तंभ बनकर उभर रही है। यह प्रमाण है कि बदलाव के लिए बड़े संसाधनों की नहीं, बल्कि स्पष्ट उद्देश्य, निरंतरता और सेवा की भावना की आवश्यकता होती है। हम चाहते हैं कि आर्थिक अभाव कोई भी बच्चा शिक्षा में पीछे न छूटे। इसी भावना को हम सामाजिक मिशन के रूप में लेकर चल रहे हैं। फाउंडेशन स्कूल स्तर पर चित्रकला, लेखन और नृत्य प्रतियोगिताएँ आयोजित करता है, जिससे बच्चों में रचनात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा मेडिकल सहायता, रोजगार अवसर, योग एवं वेलनेस कार्यक्रम, पुनर्वास केंद्र, वृद्धाश्रम, अनाथालय और प्राकृतिक आपदा पीड़ितों की मदद—संस्था के महत्वपूर्ण सामाजिक स्तंभ हैं। शिक्षा सहायता, सांस्कृतिक जुड़ाव और कल्याणकारी कार्यक्रमों को एक साथ जोड़कर सरस्वथी फाउंडेशन वह उदाहरण प्रस्तुत करती है कि स्थानीय स्तर के गैर-लाभकारी संगठन भी समाज में गहरा और स्थायी बदलाव ला सकते हैं। फाउंडेशन की हर उपलब्धि के पीछे स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की निष्ठावान टीम है, जो राजू के सेवा भाव को आगे बढ़ा रही है। उनकी कोशिशों ने संगठन को समुदायों तक पहुँचाया और कई ज़िंदगियों में परिवर्तन लाया।
सोमवार, 8 दिसंबर 2025
मुंबई : सरस्वथी राजू पुथरन फाउंडेशन ने बदल दी हजारों जिंदगियों की दिशा
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें