रामलीला मैदान में अनशन तोड़ने के बाद पहली बार अन्ना हजारे ने शुक्रवार की शाम अपने समर्थकों को संबोधित किया। उनका भाषण सुनने के लिए यहां शांति निकेतन स्कूल प्रांगण में 7 हजार से भी ज्यादा लोग जमा हुए और मीडिया के जरिए पूरे देश ने सुना।
अन्ना ने अपने भाषण में जहां सरकार पर निशाना साधा, वहीं युवाओं से बदलाव के लिए लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए आह्वान किया। अन्ना ने बताया कि उन्हें जेल में नहाने के लिए पानी तक नहीं दिया गया, लेकिन अंतत: सरकार को सबक मिल गया। उन्होंने कहा कि जनता ने साबित कर दिया कि संसद से बड़ी जनसंसद है। अन्ना ने कहा कि संसद में झूठ बोलने वाले लोग पहुंच गए हैं। क्या होगा इस देश का, यह बड़ा सवाल मेरे सामने है। क्रांति की जो मशाल जल गई है, वह बुझनी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा सरकार में 'लबाड' (मक्कार) भर गए हैं। गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह कई बार झूठ बोले।
अन्ना के आने से पहले मैदान में स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने भी अन्ना समर्थकों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने मैदान में मौजूद लोगों से कहा कि वे आपस में एक-दूसरे के हाथ पकड़ कर भारत माता की जय का नारा लगाएं। इसके कुछ देर बाद अन्ना मंच पर पहुंचे। पहले उन्होंने यादव बाबा के दर्शन किए। मंच पर आने के बाद महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से अन्ना का स्वागत किया। अन्ना ने महात्मा गांधी और अपनी दिवंगत मां को फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने जागृति मशाल में तेल डाला। यह मशाल 15 दिनों से जल रही है। इसके बाद करीब आधा घंटा अन्ना ने गीत-संगीत का आनंद लिया और फिर लोगों को संबोधित करना शुरू किया।
अन्ना हजारे ने शांतिनिकेतन क्रीड़ांगन के मंच पर पहुंचते ही सबसे पहले भारत माता की जय...., वंदे मातरम..., के नारे लगाए। और उन्होंने अपना भाषण 'जय हिंद, जय भारत' कह कर खत्म किया।
अन्ना ने भाषण के बाद कहा कि उन्हें अनशन के दौरान पूरे वक्त युवाओं का जोश देख कर ताकत मिलती रही, पर अब उन्हें कमजोरी महसूस हो रही है। उन्होंने मंच पर कुर्सी पर बैठे-बैठे ही भाषण दिया।
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