पटना 23 सितम्बर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सृजन घोटाले में फंस जाने के खतरे से बचने के लिए चुप्पी साध ली है। श्री तिवारी ने यहां कहा कि राजनीति में मौन साधना यदि किसी को सीखना है तो वह श्री कुमार से सीख सकते हैं। मौन रहने के महत्व को श्री कुमार अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि किसी सवाल का जवाब देने में यदि फंस जाने की संभावना होने पर मौन ही सबसे बेहतर सुरक्षा कवच होता है। राजद नेता ने कहा कि घोटाले में फंसने के खतरे को समझते हुए मुख्यमंत्री ने मौन साध रखा है क्योंकि उन्हें पता है कि सवालों का जवाब देने में उनके फंस जाने का खतरा अधिक है। श्री कुमार लगातार 12 वर्षों से मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं और स्वयंसेवी संस्था सृजन में सरकारी राशि का गबन भी लगभग इतनी ही अवधि से चल रहा है।
श्री तिवारी ने कहा कि इसके बावजूद श्री कुमार का यह कहना है कि सरकार को कभी इस घोटाले की भनक तक नहीं लगी। जैसे ही सृजन घोटाले की जानकारी सरकार को मिली तभी राज्य सरकार ने जांच का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि जांच विश्वसनीय हो इसलिए इस मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया। राजद नेता ने कहा कि सृजन मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिये जाने के बाद अब श्री कुमार कह रहे हैं कि राज्य सरकार से अब कोई भी सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए लेकिन लोकतंत्र में सवाल तो सरकार से ही पूछे जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता के सवालों से भागना तो घोटाले में सरकार की संलिप्तता के संदेह को और पुख्ता करता है। श्री तिवारी ने कहा कि यह शुरू से ही कहा जाता रहा है कि सरकार हजार आंखों से देखती तथा हजार कानों से सुनती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या श्री कुमार की सरकार अपने आंख-कान बंद कर शासन चला रही है। उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब श्री कुमार के पास नहीं है इसलिए वह मौन धारण किये हुए हैं लेकिन चुप्पी साधने से वह बच नहीं पायेंगे।
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