
नेशनल रिकंसिलिएशन आर्डिनेंस (एनआरओ) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध करार दिए जाने के बाद भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे पाकिस्तानी नेताओं और मंत्रियों पर शिंकजा कसने लगा है। पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक एजैंसी नैशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने शुक्रवार को जहां रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार को विदेश जाने से रोक दिया, वहीं भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट ने गृहमंत्री रहमान मलिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
मुख्तार व मलिक पाकिस्तान के उन आठ हजार लोगों में शामिल हैं, जो एनआरओ के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी हो गए थे। उधर, अमेरिका ने पाकिस्तान पर मंडरा रहे राजनीतिक अस्थिरता के खतरे पर सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि पाक नेता संविधान का पालन करेंगे।
इस्लामाबाद में मुख्तार ने बताया कि नया युद्धपोत हासिल करने के लिए वे नौसेना प्रमुख के साथ वीरवार रात आधिकारिक यात्रा पर चीन जाने वाले थे, लेकिन एनएबी के अधिकारियों ने उन्हें विमान में घुसने से रोक दिया। रक्षामंत्री को रोके जाने से देश में तख्तापलट की अफवाह भी फैल गई थी। एनएबी ने 250 अन्य अधिकारियों के विदेश जाने पर भी पाबंदी लगाई है। कराची में आतंकवाद रोधी कोर्ट के जज मीर मोहम्मद शेख ने रहमान मलिक के खिलाफ भ्रष्टाचार के उन दो मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, जो एनआरओ के तहत बंद कर दिए गए थे। मलिक पर आरोप है कि उन्होंने पद का गलत इस्तेमाल कर एक फर्म से ठेके के बदले दो कारें ली थीं।
लाहौर की एक अन्य भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट ने एनआरओ के तहत लाभ पाने वाले तीन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के महासचिव जहांगीर बद्र भी शामिल हैं। तीनों को 23 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल जिओ टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अटार्नी जनरल कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को लागू करने के लिए विधि मंत्रालय से सलाह मांगी है, जिसमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड की कोर्ट में चल रहे मामलों की समीक्षा के लिए कहा गया है। जरदारी व उनके कई सहयोगी मंत्रियों को एनआरओ के तहत भ्रष्टाचार के मामलों से राहत मिली थी।
भ्रष्टाचार मामलों में राष्ट्रीय सुलह समझौता अध्यादेश के तहत माफी पा चुके लोगों की फेहरिस्त में शामिल पाक के रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार के चीन की आधिकारिक यात्रा पर जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। इस अध्यादेश को देश की सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुकी है। आव्रजन अधिकारियों के हवाले से एक टीवी चैनल ने बताया कि मुख्तार को सूचना दी गई कि उन्हें पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की किसी भी उड़ान से बीजिंग यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। मुख्तार व उनकी पत्नी को बीजिंग जा रहे एक विमान पर चढ़ने से रोक दिया गया, क्योंकि उनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल है जिनके विदेश यात्रा करने पर रोक लगाई गई है।
अमेरिका व पाकिस्तान के रिश्तों को जटिल बताते हुए पेंटागन ने कहा है कि दोनों पक्षों में कई मसलों पर तनाव है। अपने सैकड़ों कर्मियों और ठेकेदारों को वीजा उपलब्ध कराने में पाकिस्तान की ओर से की जा रही अनुचित देरी पर भी अमरीका ने चिंता जताई है। अमरीका का कहना है कि इससे पाकिस्तान में उसके मानवीय कार्य और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई प्रभावित हो रही है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य एशिया के लिए उप-सहायक रक्षा मंत्री डेविड सेडनी ने कहा, ‘पिछले कई सालों में हमारे संबंधों में उतार-चढ़ाव आए हैं और ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर अब भी हमारे पास कई प्रश्न हैं। यह स्थिति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे समझा भी जा सकता है।’
2 टिप्पणियां:
ाच्छी खबर सुनाई है । धन्यवाद्
सही कहा आपने, वहाँ कभी भी कुछ भी हो सकता है।
जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
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