खराब क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी की परेशानियां ही काफी नहीं थी जबकि घरेलू टीम को धीमी गति से बॉलिंग कराने के लिए भारतीय कप्तान धोनी को दो मैचों पर पाबंदी का झटका झेलना पडा। भारत के लिए एक और चिंता का विषय युवराज सिंह है क्योकि उंगली की चोट और फ्लू के कारण शुरूआती दो मैच नहीं खेलने वाले इस बल्लेबाज का इस मैच में भी खेलना संदिग्ध है। हालांकि उन्हें 15 सदस्यीय टीम के बरकरार रखा गया है।
श्रीलंका टीम में भी चोटों की समस्या बरकरार है। नागपुर में तीन विकेट की जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले आल राउंडर एंजेला मैथ्यूज भी नागपुर में मांसपेशियों के खिंचाव के कारण घर लौट गए। श्रीलंका के स्पिनर मुथैया मुरलीधरन और तेज गेंदबाज दिलहारा फर्नाडो को भी उंगली की चोट के कारण लौटना पडा। दोनों टीमें 1-1 से बराबर है और दिन रात के इस मुकाबले का नतीजा सीरीज के लिए काफी अहम होगा।
पांच मैचों की सीरीज में अगर भारतीय टीम को बढत हासिल करनी है तो उन्हें गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण विभाग की कमियों से पार पाने के अलावा अपनी बल्लेबाजी की ताकत से भरपूर फायदा उठाना होगा। टीम का भाग्य काफी हद तक शुरूआत पर भी निर्भर करेगा। और अनुभवी सचिन तेंदुलकर और सहवाग का प्रदर्शन काफी मायने रखेगा।
भारतीय टीम ने नागपुर में शुरू में सहवाग और गौतम गंभीर के विकेट गंवा दिए थे। धोनी ने मैच के बाद कहा था कि हमारी शुरूआत अच्छी नहीं थी। हमने कुछ साझेदारियां की लेकिन लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रहे। क्षेत्ररक्षण टीम के लिए चिंता बना हुआ है और धोनी ने भी इस पर खिलाडियों को बचाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम विश्व की सर्वेश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षण टीम नहीं है। हमें क्षेत्ररक्षण खामियों को बराबर करने के लिए 20 से ज्यादा रन और बनाने चाहिए थे।
श्रीलंकाई टीम नागपुर में जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी होगी। मेहमान टीम इस बात से संतुष्ट होगी कि पिछले दो मैचों में उनकी बल्लेबाजी शानदार रही है और उन्हें उम्मीद होगी की आज भी ऎसा ही होगा।
धोनी की जगह पर दिनेश कार्तिक को टीम में लिया गया है। एस श्रीसंत भी टीम में नहीं है जिसकी जगह इशांत शर्मा को खिलाया जाएगा।
भारतीय टीमें कप्तान सहवाग के अलावा गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, सुदीप त्यादी, प्रवीण कुमार और प्रज्ञान ओझा शामिल है।
पुलिस कमिश्नर बीके शर्मा ने बतया कि श्रीलंकाई खिलाडियों पर इस साल पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुरक्षा बेहद कडी है। उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर और कटक, दोनों शहरों को हाई एलर्ट पर रखा गया है।
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