दोहे और उक्तियाँ ! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

दोहे और उक्तियाँ !



तरुवर सरवर संत जन चौथे बरसे मेह। 

परमारथ के कारणे चारों धारें देह।।


(कबीर)
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1 टिप्पणी:

alka mishra ने कहा…

दोहा तो बढ़िया लिखा आपने
बधाइयाँ