भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड सरकार से समर्थन वापस लेगी !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 24 मई 2010

भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड सरकार से समर्थन वापस लेगी !!


सत्ता में साझेदारी से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांव पीछे करने से हैरान-परेशान भाजपा ने झारखंड की शिबू सोरेन गठबंधन सरकार से सोमवार को समर्थन वापसी का फैसला किया है जिससे त्रिशंकु विधानसभा वाले इस राज्य में राजनीतिक संकट का एक दूसरा दौर शुरू हो सकता है।

भाजपा ने झारखंड में शिबू सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन लेने की घोषणा कर दी और अपने फैसले की आधिकारिक घोषणा के लिए राज्य के राज्यपाल एमओएच फारूक से मिलने का समय ले लिया है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय सेठ ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके पार्टी के अन्य विधायकों के बार-बार बदलते बयानों के चलते राज्य में पिछले 26 दिनों से जारी अस्थिरता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शिबू सोरेन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। सेठ ने बताया कि भाजपा ने राज्य के राज्यपाल एमओएच फारूक से सोमवार दिन में साढे ग्यारह बजे मिलने का समय निश्चित किया है। 18 मई को भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यहां मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की उपस्थिति में घोषणा की थी कि 25 मई को यहां भाजपा के अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में नयी गठबंधन सरकार का गठन किया जाएगा।

18 मई की घोषणा के बाद से ही मुख्यमंत्री शिबू सोरेन अपना बयान बदलते रहे हैं और शनिवार को बोकारो में जब उन्होंने यह बयान दिया कि वह राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के भी संपर्क में हैं। रविवार का भाजपा का यह निर्णय शिबू सोरेन के शनिवार के बयान के बाद आया है। पहले भाजपा ने झारखंड में अपनी गठबंधन सरकार के भविष्य के बारे में अंतिम फैसला 25 मई को लेने की घोषणा की थी।

राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुधीर त्रिपाठी ने सोमवार को राज्यपाल से भाजपा की मुलाकात की पुष्टि की है। भाजपा प्रवक्ता सेठ ने बताया कि सोमवार को पार्टी के सभी विधायक, प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में समर्थन वापसी की अपने फैसले की जानकारी देने राज्यपाल एमओएच फारूक के यहां राजभवन दिन में साढे ग्यारह बजे जाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि सोमवार को राज्यपाल से भाजपा विधायक दल की मुलाकात का उद्देश्य सिर्फ सरकार से समर्थन वापसी है या कुछ और भी है, सेठ ने स्पष्ट किया कि सोमवार की हमारी मुलाकात वर्तमान गठबंधन सरकार से समर्थन वापसी के लिए ही है। शनिवार से ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां उस समय तेज हो गईं थी जब बोकारो में अपने बेटे की बरसी के लिए गए सोरेन ने बयान दिया कि वह यहां सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के भी संपर्क में हैं ।

भाजपा पहले झामुमो का अंतिम फैसला लेने से पहले 25 मई तक इंतजार करना चाहती थी। शिबू सोरेन के शनिवार के बयान के बाद भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने यहां झामुमो के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार से तत्काल समर्थन वापसी का फैसला कर लिया। समझा जाता है कि केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ही रविवार को राज्य भाजपा ने समर्थन वापसी का पत्र देने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा। राज्यपाल ने भाजपा से मिलने के लिए साढे ग्यारह बजे का समय सुनिश्चित किया।

झारखण्ड में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा का गठन हुआ था जिसमें से झामुमो ने अपने 18 विधायकों के साथ भाजपा के 18 विधायकों, आजसू के पांच विधायकों, जनता दल यू के दो विधायकों और दो निर्दलियों का समर्थन लेकर 30 दिसंबर को गठबंधन सरकार का गठन किया था।

झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि गठबंधन सरकार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रघुवरदास और आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने उपमुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। राज्य में राजनीतिक संकट एकाएक उस समय उठ खडा हुआ जब केन्द्र सरकार के बजट में भाजपा के नेतृत्व में विपक्ष ने संसद में कटौती प्रस्ताव पेश किया और उस पर मतदान के दौरान झारखंड से लोकसभा सांसद स्वयं मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने लोकसभा में केन्द्र सरकार के पक्ष में मतदान किया।
27 अप्रैल को हुए इस मतदान के तुरंत बाद 28 अप्रैल को भाजपा संसदीय बोर्ड ने दिल्ली में झारखंड की शिबू सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। आनन फानन में समर्थन वापसी का पत्र देने के लिए यहां भाजपा ने राज्यपाल से समय भी ले लिया।

मौके की नजाकत को भांपते हुए शिबू सोरेन ने अपनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा से बजट के कटौती प्रस्ताव के विरोध में मतदान के लिए खेद जताया और उनके बेटे तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भाजपा के समर्थन वापसी के फैसले को टालने के लिए भाजपा की ओर राज्य की सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया।

इसके बाद, भाजपा ने समर्थन वापसी का अपना फैसला स्थगित कर दिया और राज्य में अपने नेतृत्व में नयी गठबंधन सरकार गठित करने के लिए झामुमो से बातचीत शुरू कर दी। झामुमो के साथ भाजपा की लंबी चली बातचीत और झामुमो के बार-बार बयान बदलने के बीच अंतत: 18 मई को भाजपा के राज्य के घोषित भावी मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और झामुमो नेता तथा राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने आपसी समझौता किया।

समझौते की घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन में की गई जिसके तहत राज्य विधानसभा के बचे हुए 56 माह के कार्यकाल के दौरान 28-28 माह के लिए दोनों पार्टियों में सरकार बनाने पर सहमति बनी।

समझौते के अनुसार राज्य में पहले 28 माह के लिए भाजपा के अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में सरकार का गठन होना था जिन्हें इसी माह की 25 तारीख को सत्तासीन होना था। भाजपा के 28 माह के कार्यकाल के बाद 28 माह के लिए झामुमो के नेतत्व में गठबंधन सरकार का गठन होना था।

राज्य की गठबंधन सरकार की दोनों मुख्य घटकों के बीच 18 मई को हुए समझौते के बाद एक बार ऐसा लगा कि यहां 21 दिनों से चला आ रहा राजनीतिक सस्पेंस समाप्त हो गया है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन उर्फ गुरू जी ने समझौते के दूसरे दिन से ही रूख बदलना शुरू कर दिया।

कांग्रेस ने सोरेन को अपने पाले में लाने के लिए उसने बकौल गुरूजी उन्हें केन्द्रीय सरकार में मंत्री पद देने का भी वादा किया। इसके बाद तो मुख्यमंत्री और उनके बेटे हेमंत सोरेन भी खुलकर मैदान में आ गए।

उन्होंने शनिवार को साफ कह दिया कि झामुमो के नेतृत्व वाली यह सरकार पांच वर्ष तक चलती रहेगी और इसके लिए आवश्यक होने पर वह भाजपा का साथ छोडकर कांग्रेस का साथ भी ले सकते हैं।

झामुमो के इस बयान के बाद शनिवार को ही भाजपा खेमे में भारी मासूसी छा गई थी जबकि शुक्रवार को ही भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने राज्य में अपनी पार्टी की रणनीति के खिलाफ बोलते हुए सरकार बनाने की कवायद को राजनीतिक नौटंकी करार दिया था।

शनिवार को भाजपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित नेता अर्जुन मुंडा ने अपने हाथ से छूटती बाजी देखते कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह राज्य में मधु कोडा की तर्ज पर एक कठपुतली सरकार बनाने की कोशिश में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप कुमार बालमुचू ने इसका तत्काल खंडन करते हुए कहा था कि भाजपा के हाथ से बाजी निकल चुकी है इसलिए वह निराश होकर ऐसी बयानबाजी कर रही है।

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